‘‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, दीप जला के दिवाली मनाऊंगी। मेरे जन्मों के सारे पाप मिट जाएंगे, राम आएंगे, मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे...।’’ ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा, जिन्हें भजन की इन पंक्तियों ने मंत्रमुग्ध नहीं किया होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जब इस भजन को सुना तो भाव विभोर हो गये। तहेदिल से की गई उनकी सराहना ने इस भजन की गायिका को रातों-रात प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया। सभी के मन में इस मनभावन भजन की गायिका स्वाति मिश्रा के बारे में जानने की उत्सुकता जाग उठी। बिहार के छपरा की रहने वाली स्वाति मिश्रा इन दिनों मुंबई वासी हो चुकी हैं। स्वाति 22 जनवरी, को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में यह भक्ति गीत गाना चाहती हैं,
‘‘मेरी चौखट पर चलकर आज
चारों धाम आए हैं
बजाओ ढोल स्वागत में
मेरे घर राम आये हैं
कथा शबरी की जैसे
जुड़ गई मेरी कहानी से
ना रोको आज धोने दो चरण
आंखों के पानी से
बहुत खुश हैं मेरे आँसू
की प्रभु के काम आए हैं
बजाओ ढोल स्वागत में
मेरे घर राम आए हैं।
तुमको पा के क्या पाया है,
सृष्टि के कण-कण से पूछो
तुमको खोने का दु:ख क्या है,
कौशल्या के मन से पूछो
द्वार मेरे ये अभागे,
आज इनके भाग जागे,
बड़ी लंबी इंतजारी हुई रघुवर तुम्हारी
तब आई है सवारी
संदेशे आज खुशियों के
हमारे नाम आये हैं,
बजाओ ढोल स्वागत में
मेरे घर राम आये हैं...।’’
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के करीब से दर्शन करने के लिए हर भारतीय लालायित है। सरयू तट पर बसी श्री रामजन्म भूमि अयोध्या का कायांतरण किया जा चुका है। रामभक्तों के स्वागत के लिए अयोध्या के चौक-चौबारे और तमाम रास्ते सज-धज चुके हैं। धर्मनगरी की साफ-सफाई, सजावट और रंगबिरंगी रोशनाई गहराई तक लुभा रही है। देश और विदेश में रहने वाले कई श्रीराम भक्तों को रामोत्सव में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया गया है। इस पावन अवसर पर देशभर के संत-महात्मा और गणमान्य हस्तियां उमंग-तरंग के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने जा रही हैं। देश ही नहीं, विदेशों के पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक टाउन शिप में आलीशान होटल, रिवरसाइड, बहुमंजिला इमारतें, आवासीय कॉलोनी, मॉल, रेस्टारेंट निर्मित हो चुके हैं। आश्रम और गुरूकुल बनाए जाने वाले हैं। श्रीराम नगरी के सभी होटल तथा गेस्ट हाऊस बुक हो चुके हैं। सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गए हैं। देश के एक शीर्ष उद्योगपति का कहना है कि, हमें इस आयोजन का बेसब्री से इंतजार है। यह सभी हिंदुओं और भारतीयों के लिए बड़ा दिन है। सच तो यह है कि हमारे लिए यह एक आध्यात्मिक यात्रा है। भगवान राम ने सबको आत्मसात किया था। श्रीराम सही मायनों में उच्चतम आदर्शों को स्थापित करने वाले नायक हैं। आत्मियता, करुणा, आदर-सत्कार, सर्व मंगलकामना, क्षमा, धैर्य, सौंदर्य और शक्ति के पर्याय मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सबके हैं। सभी को उनसे सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। रिश्तों को कुशलतापूर्वक निभाने की सीख मिलती है। भौतिक सुखों के जाल से बचते हुए अपने कर्तव्यों का दृढ़ता से पालन करने का उत्साह और मनोबल मिलता है। एक आदर्श पुत्र, भ्राता, पति और न्यायप्रिय नायक हैं श्रीराम। कोई भी व्यक्ति सतत साधना और परिश्रम का श्रीराम के गुणों को अंगीकार कर सकता है और प्रतिष्ठा के शीर्ष पर पहुंच सकता है। श्रीराम के जन्मस्थली अयोध्या का अर्थ ही है, अमन और शांति की ऐसी पवित्र धरा, जहां कभी युद्ध न हुआ हो। इस अलौकिक धर्म नगरी क्षेत्र में आठ मस्जिदें और चार कब्रिस्तान मौजूद हैं। यहां कुछ मस्जिदें ऐसी भी हैं, जो राम जन्म भूमि अधिग्रहित परिसर से महज सौ मीटर की दूरी पर हैं। इन पर बाकायदा लाउडस्पीकर बंधे हुए हैं, जिनसे पांचों टाइम अजान दी जाती है। इस धर्म क्षेत्र में चार गुरुद्वारे और दो जैन मंदिर भी हैं। यहां पर सभी धर्मों के लोगों का आपसी मेल-मिलाप और सद्भाव देखते बनता है। वैसे तो भारत का जन-जन सदियों से रामायण और गीता के बहुत करीब रहा है, लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख की घोषणा के बाद लोगों में धार्मिक ग्रंथों के प्रति रुझान और सम्मान काफी ज्यादा देखा जा रहा है। देश में धार्मिक पुस्तकें प्रकाशित करने वाली गीता प्रेस को रामचरितमानस की मांग को पूरा करने के लिए दिन-रात परिश्रम करना पड़ रहा है। देश और विदेश के आस्थावान लोगों की मांग के कारण रामचरितमानस को गीता प्रेस की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, जिसे मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। सच तो यही है कि पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। बाजारों में श्रीराम की सोने-चांदी की मूर्तियों, सिक्कों, आभूषणों, वस्त्रों आदि को खरीदने के लिए बढ़ती भीड़ से व्यापारी खुश और उत्साहित हैं। बाग-बगीचों तथा गली-मोहल्लों में श्रीराम, जय राम की मधुर धुनों से लेकर विविध भक्ति गीतों की मधुर स्वर लहरियां आत्मिक सुख से रूबरू करा रही हैं। अब तो बुजुर्गों की देखादेखी युवा भी ‘गुड मार्निंग’ को किनारे कर राम...राम और जय श्रीराम के उच्चारण से एक दूसरे का अभिवादन करने लगे हैं। भारत की कई गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी के शुभ दिन मां बनने को आतुर हैं। अकेले मध्यप्रदेश के शहर इन्दौर की लगभग साठ गर्भवती महिलाओं ने अस्पताल के चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि उनकी प्रसूति 22 जनवरी को करवाएं ताकि उनका मातृत्व राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ संयोग से जुड़ जाए। विदेशों में भी 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण को लेकर जबरदस्त उत्साह है। अमेरिका में तो पूरे एक सप्ताह तक प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी है...। किसी शायर ने क्या खूब कहा है,
‘‘दया अगर लिखने बैठूँ, होते हैं अनुवादित राम
रावण को भी नमन किया, ऐसे थे मर्यादित राम...।’’
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