अपने शराबी पिता के हाथों मां की पिटायी और अपशब्दों की बौछार से तंग आ गई थी रानी। एक दिन की बात होती तो वह सब्र कर लेती। लेकिन पिता तो रोज शराब पीकर आता और उसकी मां और बहन के साथ अंधाधुंध मारपीट करता। सत्रह वर्षीय रानी से मां और बहन की दुर्दशा देखी नहीं जाती। पिता की करतूतों की वजह से पूरे परिवार को हंसी का पात्र बनना पड रहा था। पढी-लिखी रानी ने आखिरकार पुलिस में शराबी पिता की शिकायत करने की ठानी। तीन-चार बार वह थाने गई, लेकिन खाकी वर्दी वालों ने उसकी समस्या जानने, सुलझाने के बजाय उसे चलता कर दिया। पुलिसवालों का रवैया देखकर रानी निराश तो हुई, लेकिन फिर भी अपना दुखडा सुनाने के लिए बार-बार पुलिस स्टेशन जाती रही। वहां उसे बस यही कहा जाता कि नशा करना कोई अपराध नहीं है। अधिकांश पति और पिता नशे में नियंत्रण खो देते हैं। राजधानी दिल्ली में सरकार ने ही जगह-जगह शराब की दुकानें खुलवा रखी हैं। यह सिर्फ देखने के लिए तो नहीं हैं। जिन्हें पीनी है वे पिएंगे ही। पीने के बाद मारपीट और गालीगलोच होना आम बात है। वह कैसी बेटी है जो अपने पिता की शिकायत करने थाने आ जाती है। शहर में हजारों ऐसे शराबी हैं जो अपनी पत्नियों और बच्चों की पिटायी करते रहते हैं। तुम्हारी तरह उनकी बेटियां तो पिता के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए नहीं चली आतीं!
रानी को तरह-तरह के उपदेश देकर पुलिसवाले विदा कर देते। शराबी पिता सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा था। वह दिन-रात उदासी और चिन्ता में डूबी सोचती-विचारती रहती। एक दिन उसके मन में एक नया विचार आया। पिता को सज़ा दिलाने के लिए उसने कोर्ट में छेडछाड का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। अदालत में जब मामले की सुनवाई हुई तो उसने जज को बताया कि उसने यौन उत्पीडन का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। उसने जज को झूठा मुकदमा दर्ज कराने के पीछे की वजह बताई कि किस तरह से वह अपने शराबी पिता के आतंक से तंग आकर थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए गयी, लेकिन उसकी एक भी नहीं सुनी गई। अदालत ने लडकी के साहस की प्रशंसा की और पिता को यौन उत्पीडन के आरोप से तो बरी कर दिया, लेकिन पत्नी और बेटी पर नशे में गाली-गलौच और मारपीट करने के आरोप में दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अपनी मां की दुर्दशा देखकर बेटी ने जो रास्ता अख्तियार किया वो उसकी मजबूरी थी। नशे में गर्क हो चुके पिताओं का जानवरों से भी बदतर हो जाना हर संस्कारवान इंसान के खून को खौलाता है। ऐसे दुष्टों को भरे चौराहे पर गोली से उडा देने का मन होता है।
नागपुर में एक ११ वर्षीय छठवीं में पढने वाली छात्रा को उसी के नशेडी पिता ने अपनी अंधी वासना का लगातार शिकार बनाया। विरोध करने पर उसकी मां की हत्या करने की धमकी देता रहा। शराब और गांजे के नशे के गुलाम बाप से डरी सहमी रहने वाली बालिका ने आखिरकार अपने साथ हो रहे दुष्कर्म की जानकारी अपनी पडोसी महिला को दे दी। महिला बाप की हैवानियत के बारे में जानकर सन्न और स्तब्ध रह गई। ऐसी बातों को फैलने में देरी नहीं लगती। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने दुष्कर्मी को सबक सिखाने की ठानी। बलात्कारी हैवान को इसकी भनक लग गयी। वह घर से भाग गया। फिर बात पुलिस तक भी जा पहुंची। पुलिस खोजबीन कर बस्ती में छिपे नराधम को दबोचकर थाने में ले आयी। बालिका की मां को भी अपने पति की गिरफ्तारी के बाद बेटी के साथ होते चले आ रहे घिनौने कृत्य का पता चला। उसने थाने के अंदर पति की चप्पलों से ऐसी धुनायी की, कि लोग देखते रह गये। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व बेटी ने इशारों-इशारों में मां को पिता की करतूत के बारे में अवगत कराने की कोशिश की थी, लेकिन मां ने बाप-बेटी के प्रेम का हवाला देकर उसे डांटा था। दरअसल मां ने कभी कल्पना ही नहीं की थी कि कोई बाप इस हद तक नीचे गिर सकता है। हां उसे यह जरूर पता था कि उनका पति शराब और गांजे के नशे में मदहोश रहता है।
शराब ने न जाने कितने हंसते-खेलते परिवार तबाह किये हैं। एक आदमी की नशे की लत पूरे परिवार की बरबादी का कारण बन जाती है। असंख्य महिलाओं को न चाहते हुए भी शराबी पतियों के साथ रो-रोकर जिन्दगी काटनी पडती है।
नई दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने शराबी पति से छुटकारा पाने के लिए जहर देकर मार डाला। महिला का पति एक फाइनेंस कंपनी में मैनेजर था। वह रात को नशे में टुन्न होकर घर आता और उससे लडाई-झगडा करता। पडोसी भी तमाशा देखते और तरह-तरह की बातें करते थे। पति को सुधारने के लिए उसने कई उपाय किए, लेकिन बात नहीं बनी। वह पुलिस थाने भी गई, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। किसी के बताने पर एक तांत्रिक के पास गई जो नशेडियों का इलाज करने में सिद्धहस्त माना जाता था। तांत्रिक के तंत्र-मंत्र के बाद भी जब पति की पीने की आदत नहीं छूटी तो उसने तांत्रिक को ही कोसना शुरू कर दिया। शातिर तांत्रिक ने महिला को नशेडी पति से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति पाने के लिए जहर पिलाकर खत्म करने की सलाह दी तो वह फौरन तैयार हो गई। तांत्रिक ने उसे जहरीला तरल पदार्थ लाकर दिया जिसे उसने पति को पिला दिया। पति की मौत हो गयी। जब भेद खुला तो महिला और तांत्रिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसवालों को शराब और शराबियों के आतंकी तांडव में कोई बुराई नजर नहीं आती। अधिकांश वर्दीधारी मदिराप्रेमी हैं। कई तो ड्यूटी के दौरान भी च‹ढाए रहते हैं। पटना में एक दरोगा को होली के दौरान मयखाने और शराबियों पर नजर रखने की ड्यूटी दी गई थी। गश्ती के दौरान वह मयखाने में पहुंच गया जहां पर उसने छककर दारू पी और झूम-झूम कर डांस करते हुए गाने लगा :
"हुई महंगी बहुत शराब,
एक मशविरा है जनाब,
थोडी-थोडी पिया करो"
गाते और गिरते-पडते दरोगा की तस्वीर किसी ने एसएसपी को भेज दी। नशे में टुन्न दरोगा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जिस थाने में वह तैनात था, उसी में कैदी बन गया।
रानी को तरह-तरह के उपदेश देकर पुलिसवाले विदा कर देते। शराबी पिता सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा था। वह दिन-रात उदासी और चिन्ता में डूबी सोचती-विचारती रहती। एक दिन उसके मन में एक नया विचार आया। पिता को सज़ा दिलाने के लिए उसने कोर्ट में छेडछाड का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। अदालत में जब मामले की सुनवाई हुई तो उसने जज को बताया कि उसने यौन उत्पीडन का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। उसने जज को झूठा मुकदमा दर्ज कराने के पीछे की वजह बताई कि किस तरह से वह अपने शराबी पिता के आतंक से तंग आकर थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए गयी, लेकिन उसकी एक भी नहीं सुनी गई। अदालत ने लडकी के साहस की प्रशंसा की और पिता को यौन उत्पीडन के आरोप से तो बरी कर दिया, लेकिन पत्नी और बेटी पर नशे में गाली-गलौच और मारपीट करने के आरोप में दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अपनी मां की दुर्दशा देखकर बेटी ने जो रास्ता अख्तियार किया वो उसकी मजबूरी थी। नशे में गर्क हो चुके पिताओं का जानवरों से भी बदतर हो जाना हर संस्कारवान इंसान के खून को खौलाता है। ऐसे दुष्टों को भरे चौराहे पर गोली से उडा देने का मन होता है।
नागपुर में एक ११ वर्षीय छठवीं में पढने वाली छात्रा को उसी के नशेडी पिता ने अपनी अंधी वासना का लगातार शिकार बनाया। विरोध करने पर उसकी मां की हत्या करने की धमकी देता रहा। शराब और गांजे के नशे के गुलाम बाप से डरी सहमी रहने वाली बालिका ने आखिरकार अपने साथ हो रहे दुष्कर्म की जानकारी अपनी पडोसी महिला को दे दी। महिला बाप की हैवानियत के बारे में जानकर सन्न और स्तब्ध रह गई। ऐसी बातों को फैलने में देरी नहीं लगती। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने दुष्कर्मी को सबक सिखाने की ठानी। बलात्कारी हैवान को इसकी भनक लग गयी। वह घर से भाग गया। फिर बात पुलिस तक भी जा पहुंची। पुलिस खोजबीन कर बस्ती में छिपे नराधम को दबोचकर थाने में ले आयी। बालिका की मां को भी अपने पति की गिरफ्तारी के बाद बेटी के साथ होते चले आ रहे घिनौने कृत्य का पता चला। उसने थाने के अंदर पति की चप्पलों से ऐसी धुनायी की, कि लोग देखते रह गये। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व बेटी ने इशारों-इशारों में मां को पिता की करतूत के बारे में अवगत कराने की कोशिश की थी, लेकिन मां ने बाप-बेटी के प्रेम का हवाला देकर उसे डांटा था। दरअसल मां ने कभी कल्पना ही नहीं की थी कि कोई बाप इस हद तक नीचे गिर सकता है। हां उसे यह जरूर पता था कि उनका पति शराब और गांजे के नशे में मदहोश रहता है।
शराब ने न जाने कितने हंसते-खेलते परिवार तबाह किये हैं। एक आदमी की नशे की लत पूरे परिवार की बरबादी का कारण बन जाती है। असंख्य महिलाओं को न चाहते हुए भी शराबी पतियों के साथ रो-रोकर जिन्दगी काटनी पडती है।
नई दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने शराबी पति से छुटकारा पाने के लिए जहर देकर मार डाला। महिला का पति एक फाइनेंस कंपनी में मैनेजर था। वह रात को नशे में टुन्न होकर घर आता और उससे लडाई-झगडा करता। पडोसी भी तमाशा देखते और तरह-तरह की बातें करते थे। पति को सुधारने के लिए उसने कई उपाय किए, लेकिन बात नहीं बनी। वह पुलिस थाने भी गई, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। किसी के बताने पर एक तांत्रिक के पास गई जो नशेडियों का इलाज करने में सिद्धहस्त माना जाता था। तांत्रिक के तंत्र-मंत्र के बाद भी जब पति की पीने की आदत नहीं छूटी तो उसने तांत्रिक को ही कोसना शुरू कर दिया। शातिर तांत्रिक ने महिला को नशेडी पति से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति पाने के लिए जहर पिलाकर खत्म करने की सलाह दी तो वह फौरन तैयार हो गई। तांत्रिक ने उसे जहरीला तरल पदार्थ लाकर दिया जिसे उसने पति को पिला दिया। पति की मौत हो गयी। जब भेद खुला तो महिला और तांत्रिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसवालों को शराब और शराबियों के आतंकी तांडव में कोई बुराई नजर नहीं आती। अधिकांश वर्दीधारी मदिराप्रेमी हैं। कई तो ड्यूटी के दौरान भी च‹ढाए रहते हैं। पटना में एक दरोगा को होली के दौरान मयखाने और शराबियों पर नजर रखने की ड्यूटी दी गई थी। गश्ती के दौरान वह मयखाने में पहुंच गया जहां पर उसने छककर दारू पी और झूम-झूम कर डांस करते हुए गाने लगा :
"हुई महंगी बहुत शराब,
एक मशविरा है जनाब,
थोडी-थोडी पिया करो"
गाते और गिरते-पडते दरोगा की तस्वीर किसी ने एसएसपी को भेज दी। नशे में टुन्न दरोगा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जिस थाने में वह तैनात था, उसी में कैदी बन गया।
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