Thursday, May 9, 2024

रंग-बिरंगे नकाब

    दो आशिक मिजाज मित्र शहर के आलीशान होटल के बार में रसरंजन कर रहे थे। उनका किसी जरूरी काम से अमरावती से नागपुर आना हुआ था। सदर में स्थित होटल अशोका का बड़ा नाम है। मांसाहारी, शाकाहारी, लजीज भोजन तथा पीने-पिलाने के शौकीनों को यहां का वातावरण खासा रास आता है। पैग पर पैग चढ़ाते दोनों मित्रों ने होटल में प्रवेश करते ही उन दो महिलाओं को देख लिया था जो भोजन करने के इरादे से वहां आयी थीं। इसलिए दोनों ने ऐसी सीट चुनी थी, जहां से खूबसूरत महिलाओं का दीदार होता रहे। इत्मीनान से भोजन करती महिलाओं को दोनों पुरुष सड़क छाप मजनूओं की तरह घूर रहे थे और वे उन्हें नजरअंदाज कर रहीं थीं। शहर के पुराने नामी होटल में सुकून से भोजन करने आयीं दोनों महिलाओं को रह-रह कर गुस्सा आ रहा था। चप्पल और तमाचों से अच्छी तरह से धुन देने की उनकी इच्छा भी हो रही थी, सब्र का दामन थामे रहीं। बिगड़े रईसों की अश्लील इशारेबाजी चलती रही। महिलाएं जल्दी-जल्दी भोजन कर उठ खड़ी हुईं। बाहर निकल कर जब वे कार में बैठीं तो वे मनचले भी उन्हें अपने करीब आते नज़र आए। तब भी उन्हें बहुत गुस्सा आया। फटकारने की भी इच्छा हुई, लेकिन तमाशा खड़ा करने की बजाय चुपचाप कार में बैठकर वहां से चल दीं।

    दोनों रंगीन मिजाज बदमाशों ने अपनी बिना नंबर वाली कार उनकी कार के पीछे दौड़ानी प्रारंभ कर दी। इस दौरान उन्होंने उनकी कार को रोकने का भी भरसक प्रयास किया। लगभग चार किमी तक उनका पीछा जारी रहा। जब महिलाओं की कार एक अपार्टमेंट पर रुकी तब भी वे अश्लील इशारेबाजी करने से बाज नहीं आए। ऐसे बदचलन लफंगों को अकेले मॉल में शापिंग करने, होटलिंग करने तथा आजादी के साथ सैर सपाटा करने वाली नारियां चरित्रहीन लगती हैं। इसलिए उन्हें अपने जाल में फांसने की तिकड़में लगाते हुए नीचता की सभी हदें पार करने से बाज नहीं आते। घर पहुंच कर महिलाओं ने राहत की सांस ली। दरअसल इन दोनों महिलाओं में से एक के पति शहर पुलिस विभाग में आला अधिकारी हैं। अधिकारी की पत्नी अपनी पुरानी सहेली के संग अच्छे सुखद माहौल में भोजन तथा बातचीत करने के इरादे से गईं थीं, लेकिन बिगड़े मनचले रईसों ने उनका वहां इत्मीनान के साथ बैठना मुश्किल कर दिया। महिला ने बड़े दु:खी मन से अपने साथ हुई बदसलूकी की पूरी-पूरी जानकारी अपने पति महोदय को दी तो उनका भी पारा चढ़ गया। दोनों आरोपी अपार्टमेंट के सीसीटीवी में कैद हो चुके थे। तड़के साढ़े चार बजे नागपुर की पुलिस ने अमरावती में दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों बड़े कारोबारी हैं। एक का अमरावती में अच्छा-खासा होटल है तो दूसरा फायनांस का काम करता है। होटल वाले का पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है। उसके बैंक खातों में पाकिस्तान से फंडिंग होने की जानकारी सामने आने से इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने भी अपना शिकंजा कस दिया है। यह शख्स सन 2000 में पाकिस्तान से अमरावती आया था। इसके माता-पिता अभी भी पाकिस्तान में रहते हैं। एक भाई भी है जो पाकिस्तान में संत का चोला धारण कर उपदेशक बना घूमता है और यह भारत में पता नहीं कैसे-कैसे शैतानी गुल खिलाता घूम रहा है।

    छोटी और घटिया सोच रखने वाले आदमी के पास जब पैसा आता है, लोग उसे जानने लगते हैं, नाम हो जाता है। तो उसकी रंगत बदल जाती है। नये-नये शौक उसे आकर्षित करने लगते हैं।  बहुतों को याद होगा कि बीते वर्ष उज्जैन में बलात्कारियों की हवस का शिकार हुई एक बारह वर्षीय बालिका सड़क पर मदद की भीख मांगती भटक रही थी। किसी सभ्य शहरी ने सहायता का हाथ नहीं बढ़ाया था। तब आश्रम का एक पुजारी उसके लिए मसीहा बन सामने आया था। उसने बच्ची पर अपना वस्त्र ओढ़ा कर अस्पताल पहुंचाया था। ईश्वर की तरह अवतरित हुए परोपकारी, मददगार पुजारी की हर किसी ने प्रशंसा की थी, लेकिन वो उसका असली चेहरा नहीं था। उसका असली चेहरा तो अभी हाल में सामने आया है। तीन नाबालिग लड़कों के यौन शोषण के संगीन आरोप में पुलिस ने उसे हथकड़ियां पहना दी हैं। कलम चलाते-चलाते एकाएक मुझे निदा फाज़ली का यह शेर याद हो आया है, ‘‘हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी,  जिसको भी देखना हो कई बार देखना’’...लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें कई-कई बार देखो, कितने भी करीब से देखो, लेकिन उनकी समग्र पहचान सामने नहीं आ पाती। बहुत कुछ छिपा और दबा रह जाता है। यह चालाकी, धूर्तता और नकाबपोशी भारत के अधिकांश राजनेताओं के चरित्र में रची-बसी है। पाप का घड़ा भरने के बाद जब कभी इनका पर्दाफाश होता है तो लोग हतप्रभ रह जाते हैं।

    देश के प्रदेश कर्नाटक के युवा सांसद प्रज्वल रेवन्ना  और उनके पिता एचडी रेवन्ना पर ऐन लोकसभा चुनाव के बीच संगीनतम यौन शोषण के आरोपों ने पूरे देश में तहलका मचा कर यह संदेश भी दे दिया है कि जिन सांसदों, विधायकों, मंत्रियों, संत्रियों पर महिलाओं के संरक्षण की जिम्मेदारी है, वे ही जन्मजात व्याभिचारी और बलात्कारी हैं। देशवासियों एक से एक सेक्स स्कैंडल से रूबरू होते आये हैं, लेकिन एसी खबर पहली बार सुनी जानीं, जिसमें बाप और बेटे के बीच कोई पर्दा नहीं। दोनों ऐसे देह भोगी हैं जिन्हें एक साथ एक ही नारी के साथ बिस्तरबाजी करने में कोई लज्जा और संकोच नहीं। हमने तो अभी तक यही देखा-सुना था कि वासना के खेल में पिता और बेटे के बीच मर्यादा का पर्दा होता है। संस्कृति और संस्कार का भी यही तकाजा है, लेकिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नीच  बेटे और पोते के यौनाचार वाले 2976 वीडियोज वायरल होने से देश और दुनिया को पता चल गया है कि भारत की राजनीति में कैसे-कैसे भूखे भेड़ियों ने जनसेवा की बजाय अंधी वासना का तांडव मचा रखा है। इन सफेदपोश बलात्कारियों के वीडियो बाहर नहीं आते तो यह शर्मनाक सच रंगीन नकाब में ढंका रह जाता। एक बीस वर्षीय युवक को उसके दोस्त ने बताया कि एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसकी मां को रस्सी से बांधा गया है और सांसद प्रज्जवल उनसे दुष्कर्म कर रहा है। युवक ने जब इस वीडियो को देखा तो उसके दिमाग की नसें फट गईं। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन वह मां की अस्मत लुटने की पीड़ा और सदमे से  अभी तक बाहर नहीं आ पाया है। ऐसे हजारों लोग हैं, जिनकी मां, बहनें वहशी बाप-बेटे की दरिंदगी की शिकार हुई हैं।

No comments:

Post a Comment