Thursday, May 18, 2017

पहले बेटों को सुधारो

फिर वही। बार...बार वही। निर्दयता और हैवानियत की पराकाष्ठा। पढने और सुनने वाले थक गये पर यही नहीं थकते। यह नहीं सुधरते। क्या यह लोग अखबार नहीं पढते। टीवी नहीं देखते। क्या इन्हें निर्भया के कुकर्मियों के हश्र की जानकारी नहीं? एक और चुभती खबर १३ मई २०१६ की है और उसी दिल्ली की है जो बलात्कारों के मामले में बेहद कुख्यात हो गयी है। एक सरकारी स्कूल में छात्राओं की काउंसलिंग के दौरान आठवीं की एक छात्रा ने आखिरकार अपने गमों का पिटारा खोल ही दिया। उसने बिलखते हुए काउंसलिंग कर रही अधिवक्ता को बताया कि उसके पिता बीते सात वर्ष से उसके साथ दुष्कर्म करते चले आ रहे हैं। उसने पिता की इस हैवानियत के बारे में उस मां को भी बताया जिसने उसे जन्म दिया और उस शिक्षिका को भी जिसे ज्ञान और प्रकाश का स्त्रोत माना जाता है। दोनों ने उसकी कोई  सहायता नहीं की।
अपना दर्द बयां करते-करते यह १७ वर्षीय किशोरी जोर-जोर से रोने लगी। छात्र-छात्राओं को कानून एवं उनके अधिकारों की जानकारी देती अधिवक्ता हतप्रभ रह गर्इं। उन्होंने ऐसे हैवान पिता को सजा दिलाने की ठान ली और फौरन किशोरी को थाने लेकर गर्इं लेकिन लापरवाह पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझने की कोशिश नहीं की। किशोरी को वापस फिर उसी घर में भेज दिया गया जहां नराधम पिता रहता है। आखिरकार पुलिस की घोर लापरवाही की शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचायी गई तब कहीं जाकर गंभीरता के साथ मामला दर्ज किया गया।
बहुचर्चित और बहुप्रचारित निर्भया मामले में फैसला सुनाए जाने के मात्र चार दिन बाद ही हरियाणा के शहर रोहतक में ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकली एक युवती को अगवा कर उस पर सामूहिक बलात्कार किया गया। मानवता को शर्मिंदा कर देने वाले इस बलात्कार कांड में सात लोग शामिल थे। युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसके प्राइवेट पार्टस को नुकसान पहुंचाया गया और उसकी पहचान मिटाने के लिए उसकी खोपडी पर कार चढा दी गयी। जिनकी वजह से उसकी खोपडी की हड्डियां चूर-चूर हो गर्इं और पूरा शरीर क्षत-विक्षत हो गया। सोनीपत की रहने वाली यह युवती तलाकशुदा थी। दरअसल, एक युवक इस युवती से जबरन शादी करना चाहता था। युवती के इनकार करने पर युवक गुंडागर्दी पर उतर आया और एक दिन अपने साथियों को साथ लेकर उसके घर जा पहुंचा। वह और उसके साथी बदतमीजी करने लगे तो युवती ने युवक के मुंह पर तमाचा जड दिया। इसी तमाचे का बदला लेने के लिए युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस शर्मनाक घिनौने काण्ड को अंजाम दे डाला।
१२ मई २०१७ की शाम गुडगांव की एक  युवती अपने दोस्त के साथ कनॉट प्लेस मूवी देखने गई थी। फिर दोनों एक रेस्तरां में चले गए और वहां से रात १ बजे निकले। युवती के दोस्त ने उसे ओला बुक करा दी। जब वह कैब से उतर कर घर की तरफ जा रही थी, तब तीन युवकों ने तेज रफ्तार कार में जबरन बिठा लिया। तीनों ने कार में ही बारी-बारी से उस पर बलात्कार किया और सुबह चार बजे के करीब नजफगढ बार्डर इलाके में छोड दिया। एक बाइक सवार की मदद से वह गुडगांव पुलिस के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची। युवती विधवा है और उसका एक पांच साल का बेटा है।
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब राजस्थान के शहर जयपुर में एक युवती को नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक नामचीन होटल के कमरे में रखा गया और नशीला पेय पिलाकर बेसुध कर दिया गया। २४ घंटे में २७ लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जिनमें होटल के मैनेजर से लेकर वेटर तक शामिल थे। इस होटल का मालिक कोई बडा राजनेता है। इसलिए यहां पर ऐसे कुकर्म होते रहते हैं और पुलिस गूंगी और बहरी बनी रहती है। वैसे भी राजस्थान महिलाओं पर अत्याचार के मामले में अग्रणी है। यहां पर एक महिला के मुख्यमंत्री होने के बावजूद बच्चियों और महिलाओं पर अंधाधुंध अत्याचारों का होना बेहद चिंतित और भयभीत करता है। उम्मीद तो यह की गई थी कि प्रदेश की बागडोर वसुंधरा राजे के हाथों में आने पर नारियों का उद्धार होगा। लेकिन जो हो रहा है वह बेहद शर्मनाक है। पुलिस में दर्ज होने वाले आंकडे बताते हैं कि इस प्रदेश में हर दिन पांच-छह बच्चियां दुष्कर्म का शिकार होती हैं। जबकि असली सच यह है कि बहुतेरे मामले तोे थाने में दर्ज ही नहीं होते। हकीकत यह कि यहां पर प्रतिदिन पंद्रह से बीस बेटियों की अस्मत लूटी जाती है। पुलिस के प्रति अविश्वास और भय के चलते लोग थानों में कदम ही नहीं रखते। बूंदी जिले के देई कस्बे में एक नाबालिग दलित छात्रा के साथ गांव के दो दबंग युवकों ने बलात्कार कर घने जंगल में फेंक दिया। उन्होंने तो उसे मृत मान लिया था। लेकिन छात्रा की किस्मत अच्छी थी इसलिए बच गई। उनके चले जाने के बाद वह किसी तरह से पुलिस थाने पहुंची। ड्यूटी पर विराजमान वर्दी वालों ने पहले तो रिपोर्ट दर्ज करने में टालमटोल की, लेकिन जब लोगों ने दबाव बनाया तो पीडिता का छह-सात घंटे के बाद मेडिकल करवाया गया। इस दौरान लज्जाहीन पुलिस वालों ने अश्लील सवालों की बौछार कर उसे मानसिक रूप से परेशान करने में कोई कमी नहीं की। 
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस इक्कसवीं सदी में भी महिला मुख्यमंत्री के प्रदेश में कुरीतियों और अंधविश्वास का बोलबाला है। प्रेतबाधा, डायन प्रथा के नाम पर महिलाओं पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। किसी गांव में किसी की बकरी, गाय, भैंस, बैल आदि मर जाए तो उसका ठिकरा किसी न किसी औरत पर फूटता है। गांव के तांत्रिक को जिस महिला से दुश्मनी निकालनी होती है उसे ही वह डायन घोषित कर देता है। उसके बाद तो उस पर जुल्मों का कहर टूट प‹डता है। उसे गांव में नंगा कर घुमाया जाता हैं। हाथों में जलते अंगारे रख तडपाया जाता है और तालियां पीटी जाती हैं।
फिरोजाबाद में एक महिला को उसके शौहर ने इसलिए मारा-पीटा और तलाक दे दिया क्योंकि उसने बेटी के लिए बीस रुपये मांगे थे। इतना ही नहीं इस हिंसक शौहर ने पत्नी और अपनी दोनों बेटियों को भी घर से धक्के मार कर निकाल दिया। पत्नी का कहना था कि उसके शौहर का किसी दूसरी के साथ चक्कर चल रहा है। देश में लगातार बढते दुव्र्यवहार और दुष्कर्म की वारदातों पर चिंता जताते हुए पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने देशभर के माता-पिताओं को नसीहत दी है कि वे बेटों को अच्छे संस्कार दें और उन पर कडी नजर रखें। बेटों की चाहत रखने वाले मां-बाप को यह भी सोचना और देखना चाहिये कि वो सोसायटी को क्या दे रहे हैं। उनके बच्चे बडे होकर क्या कर रहे हैं। और किन लोगों के साथ उठते-बैठते हैं। बेदी ने बडे दुखी मन से यह भी कहा कि अब नये भारत का स्लोगन 'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ' की जगह 'बेटी बचाओ, अपनी-अपनी' कर देना चाहिए। अगर माता-पिता अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाएं तो दुष्कर्म और हत्या जैसी बर्बरता पर लगाम लग सकती है। लोगों को बेटा चाहिए, लेकिन कैसा? जो भविष्य में उनका ख्याल रखे और सोसाइटी में अपनी अहमियत रखे या वो जो हिंसक हो जाए। समाज के लिए खतरा हो। समाज के डर से बेटियों पर नजर रखी जाती है तो दूसरी तरफ बेटों को मनमानी करने की छूट दे दी जाती है। बेटे के बिगड जाने पर भी मां-बाप चुप्पी साधे रहते है। उन्हें डर रहता है कि बेटे के घर छोड देने पर उनके बुढापे का सहारा कौन होगा। जब बेटे मां-बाप पर भारी पडने लगते हैं, उनका अनादर करने लगते हैं। तब कहीं जाकर असली सच समझ में आता है। बेटियों को कमतर समझने की महाभूल उनकी नींद उडा देती है।

No comments:

Post a Comment