चित्र 1 : पति, पत्नी के रिश्तों में तनाव, लड़ाई झगड़ा, मनमुटाव कोई नई बात नहीं। सदियों से ऐसा होता आया है, लेकिन पिछले आठ-दस वर्षों से अपने देश में इस पवित्र रिश्ते में जो विष घुलता चला जा रहा है, वह ज़हरीली खबर बन लगभग प्रतिदिन हमारे सामने आ रहा है। कोई भी ऐसा दिन नहीं बीतता जिस दिन पत्नी, प्रेमिका तथा पति की हत्या, आत्महत्या की खबर पढ़ने-सुनने में न आती हो। हर नगर, महानगर और अब तो ग्रामों में भी अपने पति से नाखुश, निराश नारियां खुदकुशी का दामन थामने लगी हैं। कभी-कभार जब किसी पुरुष के फांसी के फंदे पर झूल जाने का पता चलता है तो लोगों का बड़ी तेजी से माथा ठनक जाता है। यह कैसा बदलाव है? पुरुषों की तो ऐसी छवि नहीं थी! एक दूसरे की प्रताड़ना, यातना और जानी दुश्मनी से आहत होकर यदि इसी तरह से हत्याएं और आत्महत्याएं होती रहीं तो सोचिए पति, पत्नी के जन्म-जन्मांतर के रिश्ते का कोई अर्थ बचेगा?
आंधी-तूफान की रफ्तार से महानगर की शक्ल अख्तियार करते नागपुर में बीते हफ्ते अपनी शादी के मात्र 14 माह के बीतते-बीतते प्रियंका ने अपने पति की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगा ली। भावुक और संवेदनशील प्रियंका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, ‘‘मैं तुम्हारे लायक नहीं। मैं तुम्हारी पसंद भी नहीं। मैं तुम्हारी और मम्मी (सास) की ख्वाहिश को पूरा करने में असमर्थ हूं। मेरे मरने के बाद तुम खुशी-खुशी दूसरी शादी करने में देरी न करना। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि तुम्हे ऐसी बीवी मिले जो तुम्हारी हर तमन्ना के तराजू पर खरी उतरे।’’ प्रियंका के पिता परलोक सिधार चुके हैं। उसकी मां मेहनत मजदूरी करती है। उसने बड़ी बेहतर उम्मीदों के साथ अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया। पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा धारक प्रियंका की तीन बहनें और भी हैं। 3 जनवरी 2024 को प्रियंका ने शैलेष नामक युवक के साथ जब सात फेरे लिये थे तब उसके मन-मस्तिष्क में खुशियों का समंदर हिलोरें मार रहा था। अपने सुखद भावी जीवन को लेकर वह पूरी तरह से आश्वस्त थी। शादी के बंधन में बंधने से पहले परिजनों ने भी उसे बताया था कि शैलेष ठेकेदारी के काम से अच्छी-खासी कमायी कर लेता है। वह उसे हर तरह से प्रसन्न और संतुष्ट रखेगा, लेकिन शादी के चंद हफ्तों के बाद ही प्रियंका जान गई कि उसका पति तो कोई काम धंधा ही नहीं करता। बस निठल्ला घर में पड़ा रहता है। शराब पीने का भी उसे जबर्दस्त लत लगी हुई है। प्रियंका जब उससे कुछ काम-धाम करने को कहती तो वह उससे कहता कि वह एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी का कार्यकर्ता है। शीघ्र ही वो वक्त आयेगा जब वह करोड़पति बन उसकी झोली खुशियों से भर देगा। वैसे भी दूसरे किसी धंधे में नेतागिरी से बढ़कर मालामाल होने की गुंजाइश ही कहां बची है। उसने प्रियंका का मंगलसूत्र, सोने की चेन और अंगूठी को भी बेचकर शराब पर उड़ा दिया। वह बार-बार प्रियंका को अपनी मां से रुपए मांग कर लाने का दबाव बनाता, लेकिन जब प्रियंका ने थक-हार कर असहाय मां को तंग करने से मना कर दिया तो वह पूरी तरह शैतान बन गया। शादी की पहली सालगिरह पर प्रियंका को उसके चाचा ने दस हजार रुपये उपहार स्वरूप दिए तो उन्हें भी शैलेष ने जबरन छीन लिया और शराब गटक ली। प्रियंका को लाडली बहन योजना की जो राशि मिलती थी उसे भी वह अपने नशे-पानी में उड़ा देता था। इसी दौरान विरोध करने पर शैलेष ने उसे गला घोटकर मारने की भी कोशिश की। प्रियंका रोज-रोज की चिकचिक और प्रताड़ना से इस कदर तंग आ गई कि अंतत: वह खुदकुशी कर ऐसी खबर बनकर रह गई, जिसे पढ़कर-सुनकर लोग तुरंत भुला देते हैं...।
चित्र-2 : मानव शर्मा ने अपनी पत्नी के चरित्रहीन होने की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 23 फरवरी को मानव पत्नी के साथ मुंबई से आगरा आया था। यहीं पर उसकी पत्नी का मायका है। 24 फरवरी को वह फांसी के फंदे पर झूल गया। मौत को गले से लगाने से पहले उसने अपनी पत्नी निकेता को भी सूचित किया कि वह मरने जा रहा है। निकेता ने हमेशा की तरह इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन हां, उसने अपनी ननद यानी मानव की बहन को मोबाइल कर बता दिया कि उसका भाई फांसी पर झूलने जा रहा है। वह चाहे तो समय रहते उसे बचा ले, लेकिन ननद ने अपनी भाभी को दिलासा देते हुए कहा कि वह ज्यादा परेशान न हो। वह खुदकुशी नहीं कर सकता। ऐसी धमकी-चमकी तो वह कई बार पहले भी दे चुका है। तुम इत्मीनान से सो जाओ...। आईटी कंपनी टीसीएस में रिक्रूटमेंट मैनेजर मानव ने धमकी को साकार करते हुए अंतत: आत्महत्या कर ली। अपनी जान देने से पहले उसने पूरे होशोहवास के साथ लाइव वीडियो भी बनाया, जिसमें उसने पत्नी के द्वारा उसके ‘शारीरिक अंग’ की कमतरी को लेकर हमेशा की जाने वाली तानाकशी को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए कानून और देश के हुक्मरानों को चेतावनी के अंदाज में कहा, ‘‘द लॉ नीड्स टु प्रोटेक्ट मैन... अदरवाइज देयर विल बी ए टाइम, दैट देयर विल बी नो मेन। कोई आदमी बचेगा ही नहीं, जिसके ऊपर तुम इल्जाम लगा सको। मैं तो खैर जा रहा हूं, लेकिन मैं फिर भी कह रहा हूं कि मर्दों की भी फिक्र करो। प्लीज उनके बारे में सोचो। मैं यह कहते-कहते थक चुका हूं कि, अरे, मर्दों के बारे में कोई तो बात करे। बेचारे बहुत अकेले हैं। ...पापा सॉरी। मम्मी सॉरी। अक्कू सॉरी। बट गाइज, प्लीज अंडरस्टैंड। देखो, जैसे ही मैं चला जाऊंगा। सब कुछ ठीक हो जाएगा। मैंने पहले भी कई बार खुदकुशी की कोशिश की है। इसके गवाह हैं मेरे जिस्म पर लगे कट के निशान। मुझे पता चला कि मेरी वाइफ का बाहर चक्कर चल रहा है, लेकिन मैं उससे पूछताछ नहीं कर सकता। एकाध बार मैंने उसे समझाने की कोशिश की तो उसने बखेड़ा खड़ा कर दिया था। कानून भी औरतों के साथ खड़ा है। कैसा है तुम्हारा लॉ एंड ऑर्डर! ढंग से इंसाफ करो यार। हां एक बात और... मेरे चल देने के बाद मेरे मां-बाप को बिल्कुल टच मत करना...।
चित्र-3 : देश की एक राष्ट्रीय पार्टी की महिला शाखा की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु को पत्र लिखकर मांग की है कि नारियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों, अपराधों और घरेलू हिंसा को देखते हुए महिलाओं को एक हत्या करने पर सजा में छूट दी जाए। देश की महिलाएं दमनकारी और दुष्कर्म वाली मानसिकता और निष्क्रिय कानून व्यवस्था की प्रवृत्ति का खात्मा करना चाहती हैं। रोहिणी ने हाल ही में मुंबई में एक बारह वर्षीय लड़की पर किये गए सामूहिक बलात्कार की घटना का हवाला देते हुए महिलाओं के खिलाफ निरंतर बढ़ते अपराधों पर रोष और चिन्ता व्यक्त की है। अपने निवेदन पत्र में उन्होंने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट का भी हवाला दिया है, जिसमें बताया और चेताया गया है कि महिलाओं के लिए भारत सबसे असुरक्षित देश बन चुका है।
चित्र-4 : पुणे की रहने वाली एक महिला ने अपने पति की हिंसक प्रवृत्ति से त्रस्त होकर पुणे की जिला अदालत की शरण ली। वह रोज-रोज की गालीगलौज और दुर्व्यवहार से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति पाना चाहती थी। तलाक के इस मामले के मध्यस्थता केंद्र में पहुंचने पर जज साहब ने महिला पर तंज कसते हुए कहा कि, आप न तो बिंदी लगाती हैं, न ही मंगलसूत्र पहनती हैं और न ही पति को रिझाने के लिए बन ठन कर रहती हैं तो फिर ऐसे में आपके पति आप में चिलचस्पी क्यों दिखाएंगे? जज के इस नुकीले सवाल से वहां पर मौजूद लोग हतप्रभ रह गए। जज महोदय ने अपने महाज्ञान का पिटारा खोलते हुए यह भी कहा कि, जो महिलाएं अच्छी नौकरी पर हैं, मोटी तनख्वाह पाती हैं वे हमेशा ऐसा पति चाहती हैं जो उनसे ज्यादा कमाता हो, लेकिन दूसरी तरफ अच्छा कमाने वाला पुरुष पसंद आने पर अपने घर में बर्तन धोने वाली नौकरानी से भी शादी करने में संकोच नहीं करता। विद्वान जज साहब के प्रवचन से आहत महिला वहीं खड़ी-खड़ी रोने लगी...।
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