सेहतमंद, आकर्षक, खूबसूरत, धनवान, इज्जतदार, खुश और विख्यात होना और दिखना कौन नहीं चाहता? सीधा और सरल उत्तर है, सभी के सभी स्त्री-पुरुष, इन जरूरतों, आकर्षणों और उपलब्धियों से मालामाल होना चाहते हैं। इसके लिए अपने-अपने स्तर पर संघर्ष, प्रयास और जद्दोजहद भी जारी रहती है। इन सभी नियामतों में अच्छे स्वास्थ्य से बढ़कर और कुछ नहीं। यदि आप स्वस्थ हैं तो सारी दुनिया की खुशियां आज नहीं तो कल आपकी झोली में समा सकती हैं, लेकिन इन दिनों कई लोगों ने प्रकृति के खिलाफ चलते हुए खूबसूरत और कम उम्र का दिखने-दिखाने की जानलेवा सनक पाल ली है। वे भूल गये हैं कि कुदरत के अपने नियम-कायदे हैं। उनका अनुसरण करने वालों को हमने काफी लम्बी उम्र तक खुश और खुशहाल देखा है। इन दिनों अच्छे-भले युवाओं को हार्ट अटैक के चलते बड़ी तेजी से मौत के हवाले होते देखा जा रहा है। डॉक्टरों का भी यही कहना है कि स्वस्थ जीवन शैली को नहीं अपनाने की वजह से कम उम्र के स्त्री-पुरुषों में हार्ट अटैक के खतरे लगातार बढ़ रहे हैं। शराब, बीयर, धूम्रपान, आरामपरस्ती, आलस्य, रात-रात भर जागना, बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाना और न्यूनतम कसरत और वॉक तक न करना युवाओं को रोगी बना रहे हैं। कोविड के बाद घर से काम करने परिपाटी ने भी लोगों का दशा और दिशा पर कहीं न कहीं विपरीत प्रभाव डाला है। प्रतिस्पर्धा, ईर्ष्या, जल्दबाजी डिप्रेशन और तनाव भी कई युवाओं के जीवन का हिस्सा बन गया है। आम और खास दोनों इन स्वनिर्मित रोगों के शिकार हैं। यही बीमारियां सेहत के साथ-साथ वजन और लुक यानी आकर्षक दिखने की चाहत के साथ भी खिलवाड़ करते हुए खुदकुशी के मार्ग दिखा और सुझा रही हैं। यह भी जाना-माना सच है कि अच्छी सेहत ही सुंदरता, खूबसूरती और आकर्षण की जननी है। तरह-तरह के टॉनिक, इंजेक्शन और दवाइयां अंतत: छलावा ही साबित होती हैं। देश और विदेशों में इनकी अधिकता और अति से अभी तक कितनी मौतें हो चुकी हैं, इसका सटीक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं, लेकिन फिर भी अपने-अपने काल में हुईं कुछ मौतों और आत्महत्याओं को याद रख उनसे सबक तो लिया ही जा सकता है...।
बहुतों को लोकप्रिय टीवी सीरियल बालिका वधु की खूबसूरत नायिका प्रत्युषा बनर्जी का वो दिलकश मासूम चेहरा अभी भी याद होगा। लाखों प्रशंसकों की चहेती प्रत्युषा ने मात्र 24 साल की आयु में इसलिए मौत का दामन थाम लिया, क्योंकि अनियमित रहन-सहन की वजह से मोटापा धीरे-धीरे उसे अपने आगोश में लेने लगा था। अत्याधिक शराब पीने के कारण उसकी खूबसूरती भी उससे पल्ला झाड़ने लगी थी। वह दिन-रात इसी चिंता में डूबी रहती थी कि घटती लोकप्रियता के कारण जल्द ही उसे टीवी शो में काम मिलना बंद हो जाएगा। उसके प्रेमी ने भी उससे दूरियां बनानी प्रारंभ कर दी थीं। इसी चिंता और तनाव में रहते-रहते एक दिन वह फंदे पर झूल गई।
कोलकाता की विख्यात मॉडल रिया घोष को जब मोटी होने का डर सताने लगा तो उसने दुबली-पतली और आकर्षक बने रहने के लिए धड़धड़ एस्टेरॉयड और स्लिमिंग ड्रग लेनी शुरू कर दीं। इससे शरीर में सुधार तो नहीं आया। दबे पांव मौत जरूर आ गई। चुस्त और फुर्तीली सोनाली फोगाट का राजनीति, सोशल मीडिया और फिल्मों में कभी अच्छा-खासा नाम था। उसकी भी जब उम्र बढ़ने लगी तो वह युवा और ग्लैमरस दिखने के चक्कर में ऐसा अंधाधुंध नशा करने लगी। शराब, सेक्स और बॉडी ट्रोनिंग ड्रग के नशीले गर्त में वह ऐसी फंसी कि बाहर निकल ही नहीं पायी। गोवा के एक रिसोर्ट में हार्ट अटैक की वजह से चल बसी सोनाली ने ‘बिगबॉस’ में भी अपने जलवे दिखाये थे।
बॉलीवुड अभिनेत्री, विश्व सुंदरी का खिताब जीत चुकी सुष्मिता सेन को जब लगा कि उसके प्रशंसकों में तेजी से कमी आने लगी है तो उसने अपनी बढ़ती उम्र को छिपाने और खुद को खूबसूरत दिखाने के लिए जिम में अत्याधिक पसीना बहाना प्रारंभ कर दिया। फिटनेस की चाह में वह यह भी भूल गई कि शरीर की भी अपनी तय शुदा मर्यादा होती है। उस पर जरूरत से ज्यादा कसरती दबाव डालना खतरे से खाली नहीं। हुआ भी यही। एक दिन जिम में घंटों कसरत करते-करते उसे जबर्दस्त हार्ट अटैक आया। यह तो उसकी किस्मत अच्छी थी कि, अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे बचा लिया। अपने जानदार नृत्य, गीत-संगीत की बदौलत संपूर्ण विश्व में छा जाने वाला माइकल जैक्सन कभी भी बूढ़ा नहीं होना चाहता था। इस अमेरिकी पॉप गायक ने अपने यहां कई डॉक्टर नियुक्त कर रखे थे, जो चौबीस घंटे उसकी देखरेख में लगे रहते थे। उन्हीं डॉक्टरों ने ही उसकी त्वचा को चमकदार, गोरा बनाने तथा आकर्षक जवान दर्शाने के लिए उसे पचासों दवाओं का गुलाम बना दिया था। किंग ऑफ पॉप कहलाने वाले माइकल ने खूबसूरत दिखने के लिए ठोड़ी का प्रत्यारोपण भी करवाया था। मौत को मात देने के लिए वह ऑक्सीजन के चैम्बर में सोता था। लेकिन फिर भी अनिद्रा का शिकार था। वह प्रतिदिन जो खाना खाता था उसे भी दस डॉक्टर पहले चेक और टेस्ट करते थे। बीमारी और मौत से भयभीत रहने वाला जैक्सन बहुत ही बेचैन और उतावला किस्म का इंसान था। वह मात्र 50 साल की उम्र में चल बसा। अत्याधिक नशीले ड्रग और बार-बार शरीर की प्लास्टिक सर्जरी से अपने शरीर का सत्यानाश करवा चुके माइकल की 150 साल तक जीवित रहने की इच्छा धरी की धरी रह गई। डॉक्टरों की फौज भी हाथ मलती रह गई। लेकिन हां, उसके मुर्दा जिस्म को सोने के ताबूत में दफना कर डंका जरूर बजवाया गया कि वह कितना धनवान था। अभी कुछ दिन पूर्व खूबसूरत चमकती-दमकती लोकप्रिय फिल्मी नारी शेफाली जरीवाला की मात्र 42 साल की उम्र में हुई मौत ने उसके लाखों प्रशंसकों को स्तब्ध और झकझोर कर रख दिया। मशहूर साँन्ग ‘कांटा लगा’ कि वजह से कांटा गर्ल के नाम से मशहूर हुई शेफाली की भी उम्र के बढ़ने के साथ-साथ नींद उड़ने लगी थी। वह हर पल सोचती रहती कि भविष्य में जब उसकी खूबसूरती दगा देने लगेगी तो क्या होगा? अपने आलीशान वर्तमान पर संतुष्ट रहने की बजाय वह और युवा दिखने के लिए किस्म-किस्म की नशीली दवाएं और ड्रग लेने लगी। खाली पेट ड्रग लेना और तरोताजा दिखने के लिए जिम में बेतहाशा पसीना बहाना उसके लिए घातक साबित हुआ। कार्डियक अरेस्ट से एकाएक हुई उसकी मौत की खबर को सुनकर उसके प्रशंसक समझ ही नहीं पाये कि यह क्या हो गया! वे एक-दूसरे से पूछते रहे कि पहले से ही बेइंतहा खूबसूरत शेफाली जरीवाला और कितनी खूबसूरत होना चाहती थी?
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