Thursday, September 17, 2015

न्यूज चैनल पर मारपीट और गाली-गलौज!

समाचार चैनल आईबीएन ७ पर राधे मां को लेकर चल रही गर्मागर्म बहस शर्मनाक मारपीट में तब्दील हो गयी। बेचारे दर्शक भी भौंचक्के रह गए। यह क्या हो गया! कई मनोरंजन प्रेमियों को साधु और साध्वी का आपस में भिडना इतना भाया कि वे बार-बार इस लाइव शो का आनंद लूटते रहे। वाकई अद्भुत घटना थी। ऐसी घटनाएं विदेशी टीवी चैनलों पर आम हैं। वहां पर लाइव शो के दौरान खुद महिला एंकर ही अचानक बेलिबास होकर दर्शकों को अचंभित और मनोरंजित कर देती हैं। भारत में जो नज़ारा सामने आया उसने भी बेहद हैरत में डाल दिया। मुकेश अंबानी के न्यूज चैनल पर सनसनीखेज शो 'राधे मां की चौकी के पांच रहस्य' के दौरान हिंदू महासभा के ओमजी महाराज को एक आक्रामक साध्वी ने तमाचा जडकर अनोखी जंग का श्रीगणेश कर इस देश के तथाकथित साधु-संतों का असली चेहरा भी दिखा दिया।
रविवार की शाम थी। जिन लोगों को समाचार चैनल देखने की लत है, वे अपनी-अपनी पसंद के चैनल पर नज़रें गढाये थे। धन्नासेठ के चैनल पर राधे मां की वही हफ्तों पुरानी शर्मनाक दास्तान दोहरायी जा रही थी, जिससे सजग दर्शकों का कोई लेना-देना नहीं था। किसी भी खबर को देखने-सुनने और पढने की भी कोई सीमा होती है, लेकिन टीआरपी के भूखे चैनल वालों को कौन समझाए कि लोग अब उनके बचकानेपन से तंग आ गये हैं। घिसी-पिटी चर्चा के दौरान ओमजी महाराज अपनी आराध्य राधे मां के गुणगान में लगे थे तो साध्वी दीपा शर्मा राधे मां के पाखण्डी आचरण का बखान कर रही थीं। आधुनिक साध्वी दीपा शर्मा का साथ दे रही थीं एक नारी ज्योतिषाचार्य, जिनका नाम है वाई राखी। वह भी राधे मां के अतीत के काले पन्ने खोलकर ओमजी का ब्लड प्रेशर बढा रही थी। ओमजी शायद दीपा शर्मा के 'कल' से अच्छी तरह से वाकिफ थे। उन्होंने अपने अंदाज में उनकी निजी ज़िन्दगी के दाग-धब्बों और लफडों का विवरण पेश करना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से आपत्तिजनक शब्दों की बौछारों के कारण चैनल पर लगातार बीप बजती रही, लेकिन व्यक्तिगत हमलेबाजी नहीं रुकी। एक दूसरे के चरित्र का चीरहरण होता रहा। ओमजी को राधे मां पर होने वाला हर कटाक्ष बंदूक से निकली गोली की तरह घायल कर रहा था। उन्हें लगा कि राधे मां के पर्दाफाश के बहाने उनकी मर्दानगी को चुनौती दी जा रही है। उन्होंने दीपा शर्मा को यह कहकर आगबबूला कर दिया कि पहले तुम खुद को सुधार लो फिर मेरी राधे मां की बुराई करने की जुर्रत करना। दीपा शर्मा गुस्से में इतनी बेहाल हुई कि ओमजी तक जा पहुंची और उनके गाल पर करारा तमाचा जड दिया। ओमजी ने खुद को फौरन संभाल लिया। उन्होंने भी अपनी मर्दानगी दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। दोनों में धक्का-मुक्की और थप्पडबाजी चलती रही और लोग मज़ा लेते रहे। इस मारपीट के लाइव शो ने पूरी दुनिया तक यह संदेश भी पहुंचा दिया कि गुस्से में आग-बबूला हुई भारतीय नारी किस हद तक जा सकती है। जो पुरुष नारी को अभी भी अबला मानते हैं वे सावधान हो जाएं। इस शर्मनाक लडाई से यह भी सिद्ध हो गया कि न्यूज चैनलों पर होने वाली चर्चाएं अपना असली मकसद खोने लगी हैं। किसी भी ऐरे-गैरे को स्टुडियो में लाकर बिठा दिया जाता है और एंकर भी अक्सर जानबूझकर ऐसा माहौल बनाते हैं कि 'विद्वानों' की शालीनता गायब होती चली जाती है। लडाई-झगडे और गाली-गलौज भरी तमाशेबाजी शुरू होते देरी नहीं लगती। टीवी पर खुद को दिखाने की जो भूख और ललक कभी नेताओं में देखी जाती थी, अब प्रवचनकारों और साधु-संतो में भी घर कर चुकी है। यह भी सच है कि राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं की तरह विवादास्पद धर्मगुरु भी अब अपने-अपने प्रवक्ता रखने लगे हैं, जो मौका पाते ही अपने आका का पक्ष रखने के लिए मीडिया के सामने आकर गरजने लगते हैं। अंधभक्त प्रवक्ता सच्चाई और विरोध बर्दाश्त नहीं कर पाते। इनकी बस यही मंशा होती है कि उनके 'गुरु' के बारे में अच्छी बातें ही की जाएं। कहते हैं कि अच्छा वक्ता वही होता है जो अच्छा श्रोता होता है, लेकिन यह गुण न तो धर्म के ठेकेदारों के पक्ष मेें और न ही विपक्ष में बोलने वाले प्रवक्ताओं और चेले-चपाटों में दिखायी देता है। न्यूज चैनल पर साधु और साध्वी का लज्जाहीन व्यवहार इसका जीवंत प्रमाण है। यह भी हकीकत है कि अधिकांश भगवाधारी भी 'खादी' के रंग में रंग चुके हैं। इनके असली चरित्र को भी समझ पाना दूभर होता चला जा रहा है। साधुओं और नेताओं का तो एक ही धर्म होता है लोगों को अच्छी शिक्षा देना और ऐसा जीवन जीना जिससे हर किसी को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिले। लेकिन ऐसा हो कहां रहा है?
महाराष्ट्र के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट को जब छात्रों के एक दीक्षांत समारोह में अपने उद्गार व्यक्त करने का अवसर मिला तो वे फौरन सेक्स की पाठशाला के निर्लज्ज शिक्षक की भूमिका में आ गए। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करने के बेवकूफाना अंदाज में यह कहने में कोई संकोच नहीं किया कि हम भी वो सेक्सी विडियो क्लिप देखते हैं जो आप अपने मोबाइल पर रात में देखते हैं। अश्लील फिल्में और वीडियो क्लिप देखकर अपनी जवानी पर फख्र करने वाले महाराष्ट्र के मंत्री ने छात्र-छात्राओं को नीली फिल्में देखने की सीख देकर वो सब करने की भी छूट दे दी जिससे आज देश परेशान है। एक बलात्कार की खबर की सुर्खियां ठंडी भी नहीं पडतीं कि पांच और बलात्कार होने का बारुदी धमाका सजग देशवासियो की नींद उडा कर रख देता है...।

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