Thursday, June 14, 2018

सच और झूठ

हमारे यहां बात-बात पर होहल्ला मचता रहता है। राजनीति और बुद्धिजीवियों की जमात में ऐसे कई चेहरे हैं जो अच्छा होता नहीं देख सकते। उनकी बस यही मंशा रहती है कि देश में आपसी टकराव होता रहे। चरित्र हनन का दौर चलता रहे और सर्वधर्म समभाव के परखच्चे उडते रहें। हां अब तो सोशल मीडिया भी भडकाने, लडाने और झूठ को सच बताने का अड्डा बन गया है। फेक न्यूज के जन्मदाता भी सीना तानकर चलते हैं। बीते सप्ताह देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तृतिय वर्ष के प्रशिक्षण शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। प्रणब मुखर्जी के द्वारा संघ के निमंत्रण को स्वीकार किए जाने पर ही कई कांग्रेसियों ने विरोध किया था। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी अप्रसन्न थीं। दरअसल हुआ यूं कि जैसे ही प्रणब मुखर्जी ने नागपुर की धरा पर कदम रखा तो दिल्ली में शर्मिष्ठा मुखर्जी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा ने जोर पकड लिया। एक-दो न्यूज चैनलों ने यह खबर भी प्रसारित कर दी कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पुत्री पश्चिम बंगाल की मालदा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडेंगी। दिल्ली से दूर रानीखेत के पहाडों पर सूर्यास्त के खूबसूरत नजारों का लुत्फ उठाती शर्मिष्ठा ने जब यह खबर सुनी तो वह हतप्रभ रह गयीं। उन्हें ऐसा लगा कि उनकी खुशी, शांति और सुकून को किसी ने एक ही झटके में लूट लिया है। अपने पिता के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर प्रारंभ से नाराजगी जता चुकी शर्मिष्ठा ने फौरन ट्वीट किया कि मैं कांग्रेस की एक समर्पित कार्यकर्ता हूं। मैं किसी सपने को पूरा करने नहीं बल्कि विचारधारा की वजह से कांग्रेस से जुडी हूं। इस पार्टी की विचारधारा में मुझे अटूट यकीन है। कांग्रेस छोडने से बेहतर होगा कि मैं राजनीति ही छोड दूं। मेरे द्वारा भविष्य में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडने की खबर भाजपा के डर्टी ट्रिक डिपार्टमेंट का कारनामा है। उन्होंने फिर से अपने पिता को सचेत करते हुए कहा कि भविष्य में उनका भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें संभालकर रखी जाएंगी।
नागपुर के रेशिमबाग स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित गरिमामय समारोह में प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण से समस्त देशवासियों का दिल जीत लिया। जो कांग्रेस के नेता इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर बवाल मचाये थे, वे भी वाहवाही करते रह गए। संघ ने उम्मीदें लगा रखी थीं कि प्रणब मुखर्जी संघ की तारीफों के पुल बांधकर एक अच्छे मेहमान की भूमिका निभायेंगे, लेकिन उन्होंने एक अनुभवी नेता की तरह नपा-तुला भाषण देकर अपनी चतुराई और कला-कौशल का प्रदर्शन किया। प्रणब मुखर्जी जब संघ के नेताओं के साथ मंच पर विराजमान थे तब उन्होंने धोती-कुर्ता और जाकिट पहन रखी थी। मंच पर उन्होंने एक बार भी न संघ अथवा उसके संस्थापक केशव बलिराम हेडगवार का नाम लिया और न ही ध्वज को प्रणाम किया। लेकिन कार्यक्रम के समाप्त होने के कुछ घण्टों के बाद ही एक फर्जी फोटो सोशल साइट्स पर वायरल हो गई जिसमें प्रणब मुखर्जी सर संघचालक मोहन भागवत के साथ ध्वज प्रणाम करते नजर आए। जिन-जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर पूर्व राष्ट्रपति को इस मुद्रा में देखा उनकी तीखी प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया। प्रणब मुखर्जी की पुत्री और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगबबूला होकर इस फोटो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि जिसका डर था, वही हुआ। मैंने तो अपने पिता को पहले ही चेताया था। शर्मिष्ठा का गुस्सा संघ और भाजपा को लेकर था, लेकिन फोटो के साथ छेडछाड करने का काम यकीनन किन्हीं ऐसे लोगों का था जो पूर्व राष्ट्रपति संघ और भाजपा की छवि बिगाडना चाहते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने यह कहने में देरी नहीं लगायी कि यह तो उन विभाजनकारी राजनीतिक तत्वो की शर्मनाक करतूत है। जो संघ को बदनाम करने के लिए घटिया चालें चलते रहते हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि सोशल मीडिया पर काफी हद तक ऐसे लोगों का कब्जा हो चुका है जो फेक न्यूज और तस्वीरों के साथ छेडछाड करने की कलाकारी में माहिर हैं। सोशल मीडिया इन लोगों के लिए दुष्प्रचार करने का माध्यम बन गया है। पिछले सप्ताह पुणे पुलिस ने एक संदिग्ध नक्सली से एक पत्र बरामद किया। इस पत्र में खुलासा किया गया था कि नक्सलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बनायी है। जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की गई थी ठीक वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की योजना है। इस खबर के न्यूज चैनलों से प्रसारित और अखबारों में छपते ही देशवासी चिन्ताग्रस्त हो गये। कुछ राजनेताओं ने चुनाव जीतने के लिए इसे भाजपा की चाल बताया। जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने यह ट्वीट कर खलबली मचायी और मीडिया की सुर्खियां पायीं, "ऐसा लगता है कि संघ और गडकरी मोदी की हत्या की साजिश रच रहे हैं।" राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर लगे इस संगीन आरोप का भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सडक पर आकर विरोध दर्शाया तो गडकरी ने ऐसी घटिया सोच रखने वालों को अदालत में घसीटने की चेतावनी दे दी।

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