Thursday, June 28, 2018

लापरवाही, भूल और अपराध

शहर अपराध के घने जंगल बनते जा रहे हैं जहां अपराधी अपना काम करके बडी आसानी से गुम हो जाते हैं। हत्या, अपहरण, डकैती, लूटपाट और बलात्कार जैसी संगीन घटनाएं नगरों और महानगरों की पहचान बन चुकी हैं। एक जमाना था जब अपराधी पुलिस से खौफ खाते थे, लेकिन आज जिस तरह से सरेआम सडकों पर गोलियां चलती हैं, हत्याएं कर दी जाती हैं उससे यह मानने में कोई हर्ज नहीं कि अपराधी खुद को खाकी वर्दी से ज्यादा ताकतवर समझने लगे हैं। अपनों और बेगानों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया है। रिश्तों को स्वार्थ के हाथों बिकने में देरी नहीं लगती। दोस्ती, भरोसा और जान-पहचान कब आफत बन जाए कहा नहीं जा सकता। १० जून २०१८ की रात नागपुर में एक राक्षस प्रवृत्ति के अपराधी ने अपने चार साल के बेटे, बहन, जीजा उनकी बेटी और बहन की सास को गाजर-मूली की तरह काट डाला। यह नृशंस हत्यारा मन की शांति और बुरी आत्माओं से दूरी बनाये रखने के लिए शहर के एक मंदिर में देर रात तक बैठकर पूजा-पाठ किया करता था। उसने अपने एक हाथ पर काली मां तो दूसरे हाथ पर खुद का नाम गुदा रखा है। नागपुर शहर ने ऐसा नरसंहार पहले कभी नहीं देखा था। अपने जीजा के परिवार के साथ-साथ अपने ही बेटे का खात्मा करने वाले इस नशेडी ने २०१४ में अपनी पत्नी की चरित्र पर संदेह होने के चलते हत्या कर उसकी लाश सूखी घास डालकर जला दी थी। सत्र न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उसे जेल भेज दिया था। उसके जेल जाने के बाद उसके दोनों बच्चों की देखरेख बहन और जीजा ने की थी। यह सिलसिला अभी तक चल रहा था। इतना ही नहीं उन दोनों ने उसे जेल से रिहा करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की और पानी की तरह पैसा बहाया था। तीन साल तक जेल में रहने के बाद अंतत: हाईकोर्ट ने उसे निर्दोष मानते हुए रिहा कर दिया। बहन और जीजा ने यह सोचकर उसे अपने घर में रहने की इजाजत दे दी थी कि अब उसमें सुधार आ चुका होगा। हालांकि इस सनकी हत्यारे को घर में रखने का कुछ रिश्तेदारों ने पुरजोर विरोध किया था। जब हत्यारा जेल में था तब उसके जीजा ने उसके खेत को अधिया यानी किराये पर दे दिया था। वे चाहते थे कि यह खेती की जमीन सुरक्षित रहे ताकि उसके बच्चों के काम आ सके। लेकिन हत्यारा साला खेती को बेचकर ऐश करना चाहता था। इसी बात को लेकर लगभग छह महीने पूर्व उसने जीजा को जान से मारने की धमकी भी दी थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अहसानफरामोश साला मौका पाते ही इतनी विभत्स और भयावह वारदात को अंजाम देकर पंजाब के लुधियाना शहर में जा पहुंचा। लुधियाना में उसे कृषि के औजार बनाने वाली फैक्टरी में नौकरी भी मिल गई। जिस शख्स ने उसे नौकरी दिलायी थी वह उसके मोबाइल का इस्तेमाल करने लगा था जिसके चलते पुलिस ग्यारह दिन बाद उसे दबोचने में सफल हो गयी। उसके सारे मंसूबे धरे के धरे रह गये।
नोएडा में एक न्यूज चैनल मालिक को एक युवती ने ऐसा फांसा और सबक सिखाया जिसे वह जीवनभर याद रखेगा। उसे किसी मित्र ने सेहत बनाने के लिए प्रतिदिन जिम जाने की सलाह दी तो उसने शहर की एक जिम में जाना प्रारंभ कर दिया। इसी दौरान जिम चलाने वाली खूबसूरत युवती से उसका सामना हुआ तो वह उस पर मर मिटा। युवती को पता था कि चैनल मालिक मोटी आसामी है। ऐसे में उसने कुछ ऐसा चक्कर चलाया कि दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। एकांत में मिलने-जुलने का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया। इसी दौरान दोनों के बीच की सभी दूरियां मिट गयीं। वासना के आवेग में अंधा हुआ चैनल मालिक मुफ्त में मिल रहे देह सुख से आनंदित था। उसे भनक ही नहीं लगी कि उन दोनों के मिलन का अश्लील वीडियो बनाया जा चुका है। हैरत की बात तो यह है कि लोगों को हमेशा सजग रहने का पाठ पढाने वाला चैनल मालिक, युवती के चरित्र और चाल-चलन का आकलन ही नहीं कर पाया! कुछ दिनों के बाद युवती ने अपना असली रंग दिखाया और वीडियो को वायरल करने की धमकियां देते हुए ब्लैकमेल करने लगी। चैनल मालिक ने सोचा कि पच्चीस-पचास हजार रुपये लेकर युवती पीछा छोड देगी, लेकिन युवती ने जब मुंह खोला तो उसके पैरों तले की जमीन ही खिसक गई। वह पूरे पच्चीस करोड मांग रही थी। ब्लैकमेल के इस खेल में युवती का एक दोस्त भी शामिल था। दोनों ने मिलकर न्यूज चैनल वाले को दिन में ऐसे तारे दिखाए की उसकी नींद उड गई। दिन में कभी झपकी लगने पर भी बुरे-बुरे सपने आने लगे। यह डर भी सताने लगा कि अगर उसने ब्लैकमेलर युवती की मांग पूरी नहीं की तो वह दूसरे न्यूज चैनल वालों के पास पहुंच जाएगी और वे अपने-अपने चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज दिखा-दिखाकर उसका तमाशा बना कर रख देंगे। उसके अतीत और वर्तमान की चीरफाड कर उसका भी राम-रहीम, आसाराम और तरुण तेजपाल जैसा हाल करके रख दिया जाएगा। एक शुभचिंतक ने उन्हें सलाह दी कि अगर युवती की मांग पूरी कर दी तो भी आसानी से छुटकारा नहीं मिलेगा। पुलिस का सहारा लेना ही होगा। बहुत सोच-विचार करने के पश्चात वह पुलिस की शरण में पहुंचा। दो करोड की पहली किश्त लेने के बहाने उसने दोनों को नोएडा के एक रेस्टारेंट में बुलाया। जैसे ही वे रुपये लेने के लिए रेस्टारेंट पहुंचे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी पहले भी कई रईसो को अपने जाल में फंसा चुके हैं।
सोलह साल के दसवीं कक्षा में पढने वाले एक छात्र को शिक्षक ने पढाई में ध्यान नहीं देने की वजह से डांटा तो उसने अपने घरवालों को नमक-मिर्च लगाकर ऐसा भडकाया कि उन्होंने स्कूल पहुंचकर शिक्षक को जी भर कर खरी-खोटी सुनायी और भविष्य में कभी भी ऐसी भूल न दोहराने की चेतावनी दे डाली। अपने शिक्षक से आये दिन मुंहजोरी करने वाले इस छात्र ने पुलिस स्टेशन पर भी फोन कर शिक्षक की शिकायत की। जब इतने में भी उसका जी नहीं भरा तो उसने स्कूल को ही बंद करवाने की ठान ली। इसके लिए उसने वो अपराध कर डाला जिसकी कल्पना भारत में तो नहीं की जाती। तीन दिन बाद वह नौवीं कक्षा के एक छात्र को डरा-धमका कर स्कूल के शौचालय में ले गया और उसके पेट, माथे, सीने और पीठ पर चाकू से कई वार कर उसकी हत्या कर दी। इस छात्र का बस चलता तो उसे डांटने वाले शिक्षक को ही मार डालता। पर शिक्षक की मजबूत कद-काठी ने उसके मंसूबे और हौसले को पस्त कर दिया। स्कूल के अत्यंत सीधे-सादे छात्र की हत्या करने वाला यह हिंसक छात्र जब पकड में आया तो वह बडे आराम से पेशेवर अपराधी की तरह पुलिस के सवालों का जवाब देता रहा। पुलिसवाले भी हैरान थे। जिस सोलह साल के बच्चे का चेहरा डरा-सहमा दिखायी देना चाहिए था वह तो पछतावे से कोसों दूर भयमुक्त था।

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