Thursday, December 12, 2019

अब इन्हें कौन सुधारे?

क्या दुराचारी, व्याभिचारी और किस्म-किस्म के बदमाश अखबार नहीं पढते। न्यूज चैनल नहीं देखते। क्या यह मान लें कि यह सब हद दर्जे के अनपढ और गंवार होते हैं, जिनका खबरों से कोई लेना-देना नहीं होता। जिनके लिए इंसानी रिश्ते कोई मायने नहीं रखते, लेकिन उनके बारे में क्या कहा और सोचा जाए, जो विद्वान हैं, स्कूल, कॉलेजों में पढाते हैं फिर भी दूसरों की मां-बहन और बेटियों पर जुल्म ढाते हैं तथा उनके साथ दुराचार करने में ज़रा भी नहीं लज्जाते हैं। आम लोगों के गुस्से का भी उन पर कोई असर नहीं होता। बेखौफ होकर मासूम बच्चियों पर बलात्कार करते हैं और फिर घिनौने दुराचार के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर देते हैं। हैदराबाद में पुलिसिया एनकाउंटर में पशु चिकित्सक डॉ. प्रियंका के बलात्कारियों और हत्यारों को ६ दिसंबर की सुबह ढेर किये जाने पर पूरे देश ने खुशियां मनाई। सभी के मन में कहीं न कहीं यह विश्वास बलवति हुआ कि अब तो बलात्कारों में कमी आएगी। कोई भी बदमाश महिलाओं पर बुरी नजर डालने से पहले सौ बार सोचेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। देशवासी अभी हैदराबाद और उन्नाव की दिल दहलाने वाली खबरों से पूरी तरह से उबरे भी नहीं थे कि उन्हें ७ दिसंबर के अखबार और बलात्कारों की खबरों से भरे नज़र आए। फिर तो जैसे उनकी उम्मीदों पर पानी ही फिर गया। बलात्कारियों ने एनकाउंटर के उत्साह को ठंडा कर दिया।
दरभंगा में दो मासूम बच्चियां ऑटोरिक्शा के पास खेल रही थीं। एक की उम्र तीन साल तो दूसरी की पांच साल। खेलते-खेलते दोनों ऑटो में चढ गईं। ऑटो चालक के अंदर का शैतान जाग उठा। उसने बच्चियों को घुमाने का प्रलोभन दिया तो वे खुशी के मारे नाचने लगीं। गरीब मां-बाप की बेटियों को मुफ्त में ऑटो की सवारी और घूमने का जो मौका मिल रहा था। ऑटो चालक ने दोनों को थोडी देर तक इधर-उधर घुमाने के पश्चात तीन वर्षीय बच्ची को रास्ते में उतार दिया और पांच वर्षीय बच्ची को सुनसान जगह पर ले जाकर उसपर बडी बर्बरता के साथ बलात्कार कर लहुलूहान कर दिया। बच्ची को बेहोशी की हालत में जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों का खून खौल उठा। उनका बस चलता तो वे बलात्कारी की गर्दन उडा देते। अश्रूपुरित आंखों से अपनी बिटिया की दुर्दशा से रूबरू होते माता-पिता तो कुछ भी बोलने की स्थिति में ही नहीं थे। वे बस यही फरियाद कर रहे थे कि उनकी बच्ची बच जाए।
बिहार के शहर सुपौल में पांच दिसंबर की रात ९ बजे एक नाबालिग लडकी अपने घर के पास पिता के आने की राह देख रही थी तभी उसकी पहचान के एक शिक्षक सहित दो युवक उसके पास आए और पिता से मिलवाने के बहाने निकट स्थित एक कमरे में ले गए और वहां रात भर उसपर बलात्कार करते रहे। देश के प्रदेश ओडिशा के कोरापुट जिले में स्थित एक सरकारी स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा कई महीनों तक एक नराधम की अंधी वासना का खिलौना बनी रही। घोर आश्चर्य भरा सच यह भी है कि इस कुकर्मी की पत्नी ही स्कूल की प्रधान अध्यापिका है, जिसने अंधी और बहरी बनकर अपने शैतान पति का पूरा साथ देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। दुराचारी लडकी को स्टाफ क्वार्टर में बुलाता था और बेखौफ होकर बच्ची का यौन शोषण करता था। लडकी के तीन माह की गर्भवती होने का पता चलते ही लोग भडक गये। विद्वान शिक्षिका के अय्याश पति का मुंह काला कर गधे पर बिठा पूरे शहर में घुमाया गया। छत्तीसगढ के रायगढ जिले के लैलूंगा नामक गांव में पुलिस ने पंद्रह वर्षीय लडके को एक छह वर्ष की बच्ची के घर में घुसकर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह लडका बालिका का पडोसी है। उसने जब देखा कि घर में और कोई नहीं है, बच्ची अकेली है तो वह भूखे जानवर की तरह उस पर टूट पडा।
महाराष्ट्र की नारंगी नगरी नागपुर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम लिंगा में ८ दिसंबर की दोपहर एक खेत में पांच साल की बालिका का शव मिलने से लोग गुस्से से तमतमाते हुए सडक पर उतर आए। यह बच्ची शुक्रवार ६ दिसंबर की शाम पांच बजे से गायब थी। ८ दिसंबर की सुबह गहन खोज के दौरान ११ बजे सुबह एक खेत में उसका शव अस्तव्यस्त हालत में मिला। उसके मुंह में कपडा और लकडी ठुंसी हुई थी। सिर पर पत्थर मारने के निशान थे। पुलिस ने पुख्ता संदेह के आधार पर खेत में काम करने वाले नौकर को गिरफ्तार किया। उसने स्वीकारा कि पहले तो उसने बालिका से दुष्कर्म किया, फिर सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी। बालिका की नृशंस हत्या के विरोध में सडक पर उतरी भीड हैदराबाद की तर्ज पर हत्यारे का एनकाउंटर कर उसे मौत के घाट उतारने की मांग कर रही थी। भीड में शामिल स्त्री, पुरुष और बच्चों में कोई चेहरा ऐसा नहीं था, जिसके दिल में हत्यारे के प्रति हमदर्दी हो। सभी उसकी इस दुनिया से फौरन विदायी चाहते थे। महाराष्ट्र में ही स्थित गढचिरोली के एक निजी अस्पताल में कार्यरत युवा नर्स ड्यूटी खत्म होने के बाद अपने गांव जाने के लिए बस अड्डे पर खडी थी। उसी दौरान उसका एक परिचित वहां बाइक लेकर पहुंचा। युवती ने उससे अनुरोध किया कि वह बाइक से उसे गांव छोड दे। युवक उसे लेकर गांव की ओर निकला, लेकिन बीच रास्ते में उसकी नीयत खराब हो गई। वह युवती को जबरन खेत में ले गया, जहां उससे बलात्कार करने के बाद उसका गला भी दबा दिया। युवती बेहोश हो गई। बलात्कारी को यकीन हो गया कि वह मर गई है। सबूत मिटाने के लिए उसने युवती के मोबाइल और अन्य सामान को बाइक की डिक्की में डाला और वहां से भाग गया। कई घण्टों तक खेत में बेहोश रहने के बाद जब उसे होश आया तो उसने कुछ लोगों की सहायता से थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज करवाई। कर्नाटक के कुलबर्गी जिले में नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। उत्तरप्रदेश के महाराज गंज के निकट स्थित एक गांव में घर में शौचालय नहीं होने के कारण एक २३ वर्षीय युवती सुबह छह बजे शौच के लिए घर से निकली तो वापस नहीं लौटी। परिजनों ने ढूंढना शुरू किया। इस दौरान पास में बच्चे गेंद से खेल रहे थे। उनकी गेंद खेत में चली गई। बच्चे गेंद को ढूंढते हुए पहुंचे तो वहां गन्ने के खेत में युवती का शव देख शोर मचाया। यह तो चंद खबरें हैं, जो अखबारों में छपीं और हमारे पढने में आईं। पूरे देश में न जाने ऐसी कितनी घटनाएं हुई होंगी। वैसे भी हर बलात्कार की खबर अखबार में प्रकाशित नहीं होती। आधी से ज्यादा बलात्कार की शिकायतों की रिपोर्ट तो थाने में ही दर्ज नहीं हो पाती।

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