ऐसा लग रहा है, न जाने कब से नाराज और गुस्सायी महिलाओं ने इस दौर में पुरुषों से बदला लेने का भरपूर साहस जुटा लिया है। महिलाओं के गुस्से के प्रकटीकरण के तौर-तरीकों पर आम और खास लोग हैरान हैं। यह अनियंत्रित रोष, आक्रोश कहां पर जाकर थमेगा, कुछ भी लिखना-बताना मुश्किल है। यह भी सच है कि विद्रोही औरतें पुरुषों को ज्यादा पसंद नहीं आतीं। इक्कीसवीं सदी में भी अधिकांश पुरुष चुपचाप समझौता करने तथा कम बोलने वाली नारियों को पसंद करते हैं। उनका अत्याधिक मुखर होना पुरुषों को किसी चुनौती से कम नहीं लगता। अब वो वक्त नहीं रहा जब महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की खबरें ही पढ़ने-सुनने में आती थीं। अब तो महिलाओं के हिंसक और बेकाबू होने की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही हैं। महिलाएं जहां अपनी सुरक्षा के लिए भी किसी भी हद तक जा रही हैं। वहीं, अपना आतंकी चेहरा भी दिखा रही हैं, ‘बिहार में मुजफ्फरपुर में साहूकार युवक ने एक महिला को कुछ रुपये ब्याज पर दिए थे। निर्धारित समय पर जब भुगतान नहीं हुआ तो युवक महिला के घर जा पहुंचा। महिला को घर में अकेली देख उसकी नीयत बिगड़ गई और वह उससे जबरदस्ती करने लगा। महिला के पुरजोर विरोध करने पर भी जब वह नहीं माना तो महिला ने युवक के प्राइवेट पार्ट को चाकू से काट डाला। महिला यदि कमजोर पड़ जाती तो युवक उस पर आसानी से बलात्कार कर गुजरता, लेकिन नारी का यह भयावह अपराध कर्म! उत्तर प्रदेश के एक हाईवे पर स्थित फ्यूल सेंटर पर पति, पत्नी और उनकी बेटी अपनी कार में सीएनजी भरवाने के लिए पहुंचे। सीएनजी डलवाते समय सुरक्षा की दृष्टि से गाड़ी से उतरना बहुत जरूरी होता है। इसीलिए सीएनजी भरवाने के दौरान सेल्समैन ने उनसे गाड़ी से उतरने को कहा, लेकिन गाड़ी में बैठे तीनों ने इसे अपना अपमान मानते हुए उतरने से मना कर दिया। उन्हें अंदर बैठे रहकर गैस डलवाने के खतरे के बारे में बताया गया। फिर भी वे गाड़ी से नहीं उतरे। ऐसे में उनकी जान की फिक्र करते हुए सेल्समैन ने सीएनजी डालने से साफ-साफ मना कर दिया। सेल्समैन का नियम-कायदे का पक्का होना उन्हें रास नहीं आया। वे उससे भिड़ गये और गाली-गलौज करने लगे। सेल्समैन के विरोध करने पर युवा बेटी का खून खौल उठा और उसने सेल्समैन के सीने पर रिवॉल्वर तानते हुए वहीं के वहीं मौत के घाट उतारने की धमकी दे दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर किसी तरह से युवती को शांत किया।
हम सबको वो जमाना भी अच्छी तरह से याद है, जब मां-बाप अपनी बेटियों की शादी अपने मनपसंद लड़कों से कर खुश हो लेते थे। बेटियां भी चुपचाप विदा हो जाती थीं, लेकिन अब अधिकांश शादी-ब्याह के रिश्ते बेटियों की मर्जी और स्वीकृति से होने लगे हैं। स्त्रियों पर अपना सर्वोपरि अधिकार जमाने और उन्हें अपनी सम्पति मानने की मां-बाप तथा पतियों की सोच की बड़ी तेजी से हत्या के साथ-साथ महिलाओं के द्वारा अपने पैरों पर भी कुल्हाड़ी मारी जाने लगी है। मध्यप्रदेश के शहर इंदौर की सोनम आत्मनिर्भर थी। पिता के प्लायवुड के कारोबार में साथ देती थी। माता-पिता ने बहुत सोच-समझकर उसकी शादी इंदौर के ही युवा ट्रांसपोर्ट कारोबारी से करवा दी। शादी से पहले सोनम ने कोई विरोध नहीं किया। चुपचाप सात फेरे ले लिये। सोनम के संदिग्ध आचरण के बारे में उसकी मां को पूरी खबर थी। उसे यह भी पता था कि वह उन्हीं के यहां काम करने वाले युवक राज कुशवाह को चाहती है, लेकिन राज दूसरी जाति का था, इसलिए मां के साथ-साथ पिता को भी वह शादी के लिए उपयुक्त नहीं लगा। शादी के बाद षडयंत्रकारी सोनम ने हनीमून के लिए अपने पति पर मेघालय जाने का दबाव बनाया, जबकि पति राजा रघुवंशी का वहां जाने का बिल्कुल मन नहीं था। 11 मई को दोनों की धूमधाम से शादी हुई थी और 23 मई को हनीमून के लिए मेघालय रवाना हो गए। अगले दिन झरने के पास एक खाई में राजा का शव मिला। सोनम ने परिवारजनों को गुमराह करने की हजारों कोशिशें की। कई दिनों तक कई-कई झूठ बोले। अंतत: हनीमून के दौरान पति-पत्नी के रिश्ते की नृशंस हत्या का सच बाहर आ ही गया। इस हत्याकांड में सोनम के प्रेमी राज की प्रमुख भूमिका रही। सोनम के परिवार ने बार-बार कहा कि, दोनों में भाई-बहन जैसा रिश्ता है। सोनम राज को राखी बांधती थी। राज सोनम से पांच साल छोटा है। इससे कुछ हफ्ते पहले मेरठ में सौरभ राजपूत हत्याकांड में पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल का खूनी हाथ सामने आया। इन दोनों हत्याकांडों की अंदरूनी सच्चाई ने 2006 के मुन्नार केस की याद दिला दी। चेन्नई के रहने वाले 30 वर्षीय अनंतरमन और विद्यालक्ष्मी बड़े तामझाम के साथ परिणय सूत्र में बंधे थे। शादी के 9 दिन बाद दोनों हनीमून मनाने के लिए मुन्नार गये। अगले दिन अनंतरमन को मौत के घाट उतार दिया गया। विद्या ने पुलिस को भटकाने के बहुतेरे प्रयास किये। अज्ञात लोगों के द्वारा जेवर लूटने और पति की हत्या की जो कहानी उसने सुनायी वह किसी को भी हजम नहीं हुई। जांच में स्पष्ट हो गया कि विद्या स्कूल के दिनों में जिस युवक को दिलोजान से चाहती थी उसी से शादी करना चाहती थी, लेकिन परिवार वाले नहीं माने। विद्या के प्रेमी का गरीब तथा अनंतरामन का अमीर होना शादी में बाधक बना। विद्या के प्रेमी ने अपने किसी मित्र के साथ मिलकर अनंतरामन का काम तमाम कर दिया। अपने पति का कत्ल करने और करवाने वाली नारियों का यह सच भी अत्यंत हैरान करनेवाला है कि अधिकांश के कातिल प्रेमी उनके पतियों के समकक्ष कहीं भी नहीं ठहरते। न धन में, न तन में। आड़ी-तिरछी शक्ल सूरत और संदिग्ध व्यवहार। ऐसे युवकों को ‘छपरी’ कहा जाता है, जो दिखावा पसंद होने के साथ-साथ चालबाज तथा घोर नशेड़ी भी होते हैं। इनके चरित्र में कही कोई गरिमा और गहराई नहीं होती। समाज की चिंता और परवाह नहीं करने वाले ये ‘छपरी’ इन दिनों विद्रोही लड़कियों की पसंद बन रहे हैं। मेरठ के हत्यारे मुस्कान और साहिल नशे के आदी हैं। जेल में भी शराब, गांजा और चरस की मांग करते रहते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो में पति की हत्यारिन मुस्कान बार-बार फरियाद करती दिखी कि बिना नशा किये उसे नींद नहीं आती। मुस्कान साहिल पर इसलिए मर मिटी थी, क्यूंकि वह सौरभ से ज्यादा उसकी चिंता करता था। सौरभ के पास उतना समय ही नहीं होता था जो मुस्कान के चेहरे पर हर वक्त मुस्कान ला सके। साहिल के पास मुस्कान को खुश करने के अलावा और कोई काम नहीं था। देश के एक जाने-माने मनोरोग विश्लेषक का कहना है कि कई लड़कियां खुलकर जीना चाहती हैं पर विभिन्न बंदिशों की वजह से जी नहीं पातीं। ये लड़कियां उन लड़कों पर तुरंत फिदा हो जाती हैं, जो बेबाक और बिंदास होते हैं। मरने-मारने पर तुरंत उतारू हो जाते हैं। कल की चिंता छोड़ आज में खुलकर जीते हैं। अपने नये नवेले पति को नशे का हाई डोज देकर पहाड़ी से नीचे फेंकने वाली सोनम के साथी राज के बारे में बार-बार कहा गया कि वह तो उससे राखी बंधवाता था। राखी बंधवाने वाला किसी पर गलत नज़र कैसे डाल सकता है? आज से लगभग 45 वर्ष पूर्व की आंखों देखी हकीकत को मैं कभी भी नहीं भूल सकता। उन दिनों मैं छत्तीसगढ़ के कटघोरा में था। वहां श्रीवास्तव नामक एक शिक्षक थे। उन्हीं के साथ हाईस्कूल में एक बंगाली खूबसूरत युवा टीचर भी थीं। शिक्षक श्रीवास्तव शादीशुदा थे और शिक्षिका कुंआरी। एक साथ पढ़ाते-पढ़ाते दोनों एक दूसरे के जिस्म को पढ़ने लगे। उनके इश्क के चर्चे भी बस्ती में होने लगे। शिक्षक ने इसे दुश्मनों का षडयंत्र कहकर अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन पत्नी की शंका में कोई कमी नहीं आयी। मामला बढ़ता देख एक दिन शिक्षक महोदय ने शिक्षिका को अपने घर बुलवाया और पत्नी के समक्ष कलाई पर राखी बंधवा ली। अब तो पत्नी बेफिक्र हो गई। वक्त बीतता गया लोगों ने भी दोनों पर ध्यान देना बंद कर दिया। कुछ महीने के बाद बहुत जबरदस्त धमाका हो गया। शिक्षिका के गर्भवती होने से श्रीमती श्रीवास्तव माथा पिटती रह गईं। राखी को ढाल बनाकर अपनी प्रेमिका से सतत जिस्मानी रिश्ते बनाये रखने वाले शिक्षक ने यह ऐलान कर सभी को चौंका दिया कि हम दोनों तो बहुत पहले से विवाह बंधन में बंध चुके हैं। अब जिसको जो सोचना हो... सोचता रहे।
No comments:
Post a Comment