Thursday, January 26, 2017

तार-तार नकाब

सन २०१६ के रविवार की शाम थी। जिन लोगों को समाचार चैनल देखने की लत है, वे अपनी-अपनी पसंद के चैनल पर नजरें गढाये थे। एक चैनल पर स्वयंभू देवी राधे मां की दास्तान दोहरायी जा रही थी। राधे मां का कसीनो में डांस करता हुआ वीडियो वायरल हुआ था। जिस तरह से आसाराम, इच्छाधारी, नित्यानंद आदि तथाकथित संत व्याभिचार में लिप्त होने पर सुर्खियों में आए, वैसे ही राधे मां ने पुरुषों से अवैध सम्बंध रखने के कीर्तिमान रचकर कुख्याति पायी। पाखंडी बाबा ओमजी अपनी आराध्य राधे मां के गुणगान में जमीन-आसमान एक कर रहे थे तो एक अन्य तथाकथित साध्वी दीपा शर्मा राधे मां के घृणित काले इतिहास के पन्ने-दर-पन्ने को खोलते हुए उसके कुटिल आचरण का बखान कर रही थी। इस तेजतर्रार साध्वी का साथ दे रही थी एक नारी ज्योतिषचार्य, जिसका नाम वाई राखी बताया जा रहा था। जैसे-जैसे मुखौटेधारी राधे मां के अतीत के पन्ने खुल रहे थे, बिकाऊ ओमजी महाराज का ब्लड प्रेशर बढता चला जा रहा था। घाट-घाट का पानी पी चुका ओम शायद दीपा शर्मा के अतीत से वाकिफ था। इसलिए उसने अपने फूहड अंदाज में उसकी निजी जिन्दगी के दाग-धब्बों और फिसलनों का विवरण पेश करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते वातावरण में तेजाबी गर्मी आ गई। दोनों तरफ से आपत्तिजनक शब्दों की बौछार का अंतहीन सिलसिला-सा चल पडा। चैनल पर लगातार बीप बजती रही, लेकिन अनोखे साधु और साध्वियों के बीच की गाली-गलोज भरी हमलेबाजी नहीं थमी। एक-दूसरे के चरित्र का चीरहरण होता रहा। दो नारियों के बीच फंसे ओम को अपनी पूज्य राधे मां पर होने वाला हर कटाक्ष शूल की तरह चुभ रहा था। उसे लग रहा था कि राधे मां के व्याभिचार और छल-कपट के किस्सों के पर्दाफाश के बहाने उस पर व्यंग्यबाण छोडे जा रहे हैं। उसकी मर्दानगी को चुनौती दी जा रही है। ऐसे में उसका खून खौल उठा और उसने हर मर्यादा को ताक पर रखते हुए दीपा शर्मा को चरित्रहीन घोषित करते हुए जब यह कहा कि, 'मेरी नजरों में तुम जैसी औरतों की औकात दो टक्के से ज्यादा नहीं। मेरी राधे मां तो देवी हैं। उनके लाखों अनुयायी हैं जो उनके लिए अपनी जान तक देने को तत्पर रहते हैं। किसी को भी उनकी बुराई करने की जुर्रत करने का कोई हक नहीं है।' ओम के व्यक्तिगत प्रहार, बोलने और ललकारने के अंदाज ने दीपा के तन-बदन को क्रोध की अग्नि के हवाले कर दिया। उसने खुद पर नियंत्रण खो दिया और फटाक से ओम तक जा पहुंची और उसके गाल पर करारा तमाचा जड दिया। ओम भौंचक्क रह गया। उसके लिये यह व्यवहार, यह पुरस्कार अकल्पनीय था। जैसे-तैसे उसने खुद को संभाला और अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए घायल सांड की तरह दीपा से भिड गया। गर्मागर्म बहस धक्का-मुक्की, घूसों और थप्पडबाजी में तब्दील हो गई। साधु और साध्वी के कुत्ते और बिल्ली की तरह भिडने से करोडों मनोरंजन प्रेमियों की रविवार की छुट्टी साकार हो गई। संवेदनशील जन माथा पीटते रह गए। वाकई यह हैरतअंगेज घटना थी।
विदेशी टीवी चैनलों पर तो ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं। वहां पर लाइव शो के दौरान कभी-कभी खुद महिला एंकर ही यकायक बेलिबास होकर दर्शकों को मनोरंजित करने लगती हैं। भारतवासियों के लिए यह नजारा अभूतपूर्व था। मारपीट और अंधाधुंध गालीगलोज के इस लाइव शो ने पूरी दुनिया को हिन्दुस्तान के बाजारू साधु-संतों का असली चेहरा दिखा दिया! 'राधे मां की चौकी के पांच रहस्य' का यह ड्रामा कई दिनों तक विभिन्न न्यूज चैनलों पर अनवरत चलता रहा। ओम की तो जैसे निकल पडी। उसका बाजारभाव आसमान पर जा पहुंचा। पुरस्कार स्वरुप उसे मनोरंजन की आ‹ड में फूहडता और अश्लीलता परोसने वाले 'बिग बॉस' में भाग लेने का सुनहरा अवसर भी मिल गया। बद और बदनाम ओम की तो बल्ले-बल्ले हो गयी। वैसे भी 'बिग बॉस' में ऐसे चेहरों को प्राथमिकता दी जाती है जो विवादास्पद होने के साथ-साथ कुख्यात भी हों। बिग बॉस के आयोजकों ने 'थप्पड कांड' से प्रभावित होकर ही ओम को अपने शो में मान-सम्मान के साथ जगह दी। वे जानते थे कि ऐसे कुख्यात प्रतिभागियों की बदौलत ही लोगों में शो के प्रति आकर्षण बढता है और टीआरपी में जबर्दस्त उछाल आता है। स्वामी ओम ने भी बिग बॉस के आयोजकों को निराश नहीं किया। उसने शो में ऐसी-ऐसी ओछी हरकतें कीं, कि सजग दर्शक बिग बॉस के आयोजकों को कोसते नजर आए। देशभर में अपने ४५ लाख अनुयायी होने का दावा करने वाले इस शख्स ने शो में शामिल महिलाओं पर भद्दी-भद्दी टिप्पणियां करते हुए जी भरकर अभद्रता की सभी सीमाएं लांघीं। लोपमुद्रा नामक प्रतिभागी युवती ने स्वामी पर अश्लील  इशारेबाजी करने, बदन को गलत इरादे से छूने और बार-बार घूरने का आरोप लगाया। बदचलन ओम पर प्रतिभागियों के निजी सामान चुराने के आरोप भी लगे। शो के दौरान ही मीडिया में इस खबर ने धमाका मचाया कि यह स्वामी तो हद दर्जे का लुच्चा और टुच्चा इंसान है। यह दिल्ली की लोधी कालोनी स्थित अपने छोटे भाई प्रमोद की दुकान का ताला तोडकर एक दर्जन साइकल, महंगे स्पेयर पार्टस और कागजात चुराने के आरोप में गिरफ्तार भी हो चुका है। गैरकानूनी हथियार रखने का भी उस पर मुकदमा चल रहा है। डिफेंस कालोनी पुलिस ने उसके यहां से हथियार, गोलाबारूद और अश्लील तस्वीरें बरामद की थीं। इन तस्वीरों के सहारे वह महिलाओं को ब्लैकमेल करता था। न्यूज चैनलों के दम पर उभरे ओम की बिग बॉस में बार-बार नाक कटती रही और जगहंसाई होती रही, लेकिन फिर भी उसकी छाती चौडी होती गई। बेहूदा हरकतों और महिलाओं पर छींटाकशी करने के कारण आखिरकार उसे शो से खदेड दिया गया। बहुत ही बेआबरू होकर बिग बॉस से बाहर आने के बाद भी खबरिया चैनलों ने जिस तरह से उसे हाथों-हाथ लिया उससे प्रबुद्ध लोग हतप्रभ रह गए। उसका साक्षात्कार लेने के लिए कई चैनलों के संपादकों में होड मच गयी। उसे चैनलों के स्टुडियो में ऐसे निमंत्रित किया जाने लगा जैसे कि वह बहुत बडा ज्ञानी-ध्यानी हो और उसमें हर समस्या के निराकरण करने की क्षमता हो।
३१ दिसंबर की रात बंगलुरु में महिलाओं के साथ हुई अभद्रता पर न्यूज चैनलों ने अपने विचार रखने के लिए देश के जिन विद्धानों को आमंत्रित किया उसमें ओम का भी समावेश था। ऐसा लग रहा था जैसे चैनलवालों को नववर्ष २०१७ के लिए एक बेमिसाल चेहरा मिल गया है। देश में इससे बडा 'एक्सपर्ट' और कोई हो ही नहीं सकता। खुद को 'हिन्द बाबा' के नाम से प्रचारित करने वाला ओम यहां पर भी अपनी कमीनगी से बाज नहीं आया। उसके द्वारा दर्शकों में बैठी एक महिला के लिए बेहद असंसदीय शब्दों को इस्तेमाल किये जाने के कारण भीड और मेहमान भडक उठे। मेरी मुर्गी की एक टांग की कुनीति पर चलने वाले इस कपटी बाबा ने आखिर तक अपनी गलती स्वीकार नहीं की। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह न्यूज चैनल वाले पगला गए हैं जो ऐसे बेहूदा छिछोरे नकली साधु को स्टुडियों में बुलाकर गर्वित होते हैं, जिसे महिलाओं के साथ बेअदबी से पेश आने के कारण थप्पड और जूते खाने पडे और बिगबॉस से बाहर कर दिया गया। लगता है चैनलवालों को अपनी हंसी उडवाने में बडा मज़ा आता है...।

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