Thursday, March 23, 2017

हठी और जिद्दी राजा

देश के सबसे बडे प्रदेश उत्तर प्रदेश में योगी युग का आगाज़ हो चुका है। उन्होंने सत्ता पर काबिज होते ही कई अच्छी घोषणाएं की हैं जो आश्वस्त करती हैं कि उनके इरादे नेक हैं। अपनी सरकार के सभी मंत्रियों और अधिकारियों को पंद्रह दिन के भीतर अपनी सम्पति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के उनके निर्देश अच्छे भविष्य की उम्मीद जगाते हैं। उन्होंने पुलिस को भी मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का पालन करने के निर्देश दे दिए हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किये जा रहे हैं। योगी ने वादा किया है कि प्रदेश को भ्रष्टाचार एवं दंगा मुक्त बनाकर ही दम लेंगे। किसी भी हालत में अराजकता फैलाने वाले गुंडे-बदमाशों को बख्शा नहीं जाएगा। लूटपाट और अपहरण जैसी वारदातों पर लगाम लगाने में पूरी ताकत लगा दी जाएगी।
प्रदेश में मोदी लहर को बरकरार रखने के लिए अपना पूरा दमखम लगा देने वाले योगी आदित्यनाथ को सीएम बनने का मौका मिलेगा इसकी उम्मीद तो खुद उन्हें भी नहीं थी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी को प्रदेश की सत्ता की कमान सौंपकर बहुत हिम्मत दिखायी है। राजनीति के कई खिलाडी यह मान रहे हैं कि यह प्रयोग बहुत महंगा भी पड सकता है। इसके पीछे कई कारण गिनाये जा रहे हैं। यह भी सच है कि अतीत योगी का पीछा नहीं छोड रहा है। विवादों से गहरा नाता रखने वाले आदित्यनाथ २०१४ में लव जिहाद को लेकर एक विडियो में यह कहते दिखे थे कि 'अगर एक हिन्दु लडकी का धर्म परिवर्तन कराएंगे तो हम १०० मुस्लिम लडकियों का धर्मांतरण कराएंगे।' जो योग और भगवान शंकर की अनदेखी करते हैं वे देश छोडकर जा सकते हैं। कभी उन्होंने अपने भाषण में कहा था, 'यदि अल्पसंख्यक शांति से नहीं रहते तो हम उन्हें सिखाएंगे कि कैसे शांति से रहते हैं और उस भाषा में समझाएंगे जो उन्हें समझ में आती है। यह भी योगी के ही बोलवचन थे कि हिन्दुओं की रक्षा के लिए बंदूक भी बांटनी पडे तो बांटनी चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर उनकी उग्रता इन शब्दों में नज़र आई थी, 'जब अयोध्या में विवादित ढांचा तोडने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनने से कौन रोक सकता है। भाजपा को वोट दिया तो राम मंदिर बनेगा। सपा बसपा को वोट दिया तो कर्बला कब्रिस्तान बनेगा।'
आज योगी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हर निगाह उन पर टिकी है। कल और आज में अकल्पनीय बदलाव आ चुका है। यह भी सच है कि उत्तरप्रदेश की लगभग बीस करोड की आबादी में लगभग २० फीसदी के करीब मुसलमान हैं। उनमें कुछ ऐसे कट्टरपंथी भी हैं जिन्हें यूपी की सत्ता पर महंत आदित्यनाथ का विराजमान होना शूल की तरह चुभ रहा होगा। वे हमेशा उनके खिलाफ माहौल बनाने की ताक में रहेंगे ही। हम यह भी कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अग्निपरीक्षा का दौर सतत चलते रहने वाला है। उन्हें अपनी छवि बदलनी ही होगी। उनकी सरकार यदि सबको साथ लेकर नहीं चलेगी तो उनकी सत्ता की राह में कांटे बिछने में देरी नहीं लगेगी। पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्षों से कार्यरत रहने के बाद यह कलमकार इस सच से तो परिचित हो ही चुका है कि हिन्दुस्तान की फिज़ा में ज़हर भरने में कुछ कट्टर मुसलमानों और हिन्दुओं की बराबर की भागीदारी है। इनके हौसलों को वही शासक पस्त कर सकता है जो सिर्फ सर्वधर्म समभाव के नारे ही नहीं लगाए बल्कि बिना किसी भेदभाव के यथार्थ में क्रांतिकारी कदम उठाए। मर्डर, लूटपाट, अपहरण, गरीबी, पलायन, बेरोजगारी और दंगे यूपी की पहचान रहे हैं। योगी को यूपी के इस चेहरे में अमन, चैन और खुशहाली के रंग भरने होंगे। उत्तरप्रदेश में तीस प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं। इसमें सभी धर्मों, जातियों के लोग शामिल हैं। इन सबके जीवन के अंधेरे को दूर करने की जिम्मेदारी युवा मुख्यमंत्री की ही है। यह बहुत अच्छी बात है कि यूपी में अवैध बूचडखाने पर ताले जडवाने की कार्रवाई तेजी से प्रारंभ हो चुकी है। अवैध बूचडखानों के बंद होने का सबसे ज्यादा असर मीट कारोबारियों पर पडने जा रहा है। उनमें हडकंप भी मच गया है। योगी का बूचडखाने बंद कराने का चुनावी वादा था। जिसे उन्होंने पूरा करने में जो साहस दिखाया है वह उनकी वादा निभाने की नीयत और क्षमता को दर्शाता हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में फिलहाल चालीस बूचडखाने वैध हैं जिन्हें केंद्र सरकार की एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्राडक्टस एक्सपोर्ट डेवलमेंट अथारिटी से बाकायदा लायसेंस मिला हुआ है। अवैध बुचडखानों की संख्या चार सौ के आसपास है। बूचडखानों के बंद होने से निश्चित ही हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो पुश्तों से इस कारोबार से जु‹डे हैं। कानपुर चमडे के व्यापार के लिए जाना जाता है। चमडे के बेल्ट से लेकर बैग और जूते कानपुर में बनते हैं। देश भर में कच्चा चमडा कानपुर से ही जाता है। अकेले कानपुर में हर रोज ५० करोड के गोश्त का कारोबार होता है। बूचडखानों के बंद होने से सिर्फ कारोबारियों और मजदूर ही नहीं प्रभावित होंगे बल्कि किसानों पर भी काफी व्यापक असर पडेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को तमाम प्रभावितों के लिए शीघ्र ही रोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। इसमें होने वाली देरी रोष और असंतोष को जन्म दे सकती हैं।
योगी के बारे में कहा जाता था कि वे हठ योगी हैं। जिद्दी हैं। वे जहां खडे हो जाते थे, वहीं पर सभा शुरू हो जाती थी। वो जो बोल देते थे, उनके समर्थकों के लिए वही कानून हो जाता था। आज वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उन्हें अपने 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे को हठ और जुनून के साथ अमलीजामा पहनाना ही होगा तभी विरोधियों की सोच बदलेगी। इसके साथ ही उन तमाम समर्थकों और अनुयायियों पर भी नियंत्रण रखना होगा जो जोश में होश खोने में देरी नहीं लगाते रहे हैं।

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