Wednesday, July 26, 2017

दबा हुआ गुस्सा

हमारी इस दुनिया में कई ऐसे खूंखार जानवर हैं जो इंसान का चेहरा लगाये घूमते हैं। इन्हें हम अक्सर नहीं जान-पहचान पाते। करीबी रिश्तों और 'अपने' होने का भ्रम तथा उनपर टंगा 'सम्मानीय हस्ती' का तमगा भी कई जानवरों के लिए कवच की भूमिका निभाता है। जिनकी सभ्य समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए उन्हें भी हाथों-हाथ लिये जाने के कारण अपराधियों के हौंसले बढते चले जा रहे हैं। यही वजह है कि नारियों के लिए कोई भी जगह सुरक्षित नजर नहीं आती। घरों, स्कूलों, अस्पतालों और पागलखानों तक में दुराचार और दुराचारियों ने अपना डेरा जमा लिया है। नागपुर के मनोरूग्णालय में एक बारह-तेरह साल की मानसिक रूप से बीमार बच्ची पर एक ३४ वर्षीय दरिंदे ने बलात्कार कर डाला। अनाथालय में रहने वाली इस लडकी को मानसिक बीमारी होने के कारण इलाज के लिए मनोरूग्णालय में भर्ती किया गया था। वह नासमझ और नादान है। इसी का फायदा वहां पर कार्यरत बलात्कारी ने उठाया। अबोध नाबालिग के साथ १४ जुलाई २०१७ को दोपहर १२ से ५ बजे तक वासना के घुटे हुए खिलाडी ने हिंसक जानवर की तरह मनमानी की। इसी दौरान उसकी क्लिपिंग भी बनाई और लडकी की पिटाई कर उसे धमकाया गया कि यदि किसी ने सामने मुंह खोला तो जान से हाथ धोना होगा। बलात्कार की शिकार बालिका की सहेली ने यह बात वार्डन को बताई। इस बालिका के साथ इससे पहले भी एक अन्य अनाथालय में एक किशोर ने दुष्कर्म किया था। इसकी शिकायत थाने में की गई थी। उसके बाद उसे नागपुर शहर के नामी 'श्रद्धानंद अनाथालय' में भेजा गया। यहां पर भी उस पर वही जुल्म ढाया गया।
इस घटना के मात्र सात दिन बाद नागपुर के निकट स्थित शहर कामठी में एक पिता ने बेटी को अपनी हवस का शिकार बना दिया। इस लडकी की उम्र भी मात्र १४ वर्ष है। अक्सर घर-परिवार में होने वाले ऐसे दुराचारों को बच्चियां चुपचाप सहन कर लेती हैं। तथाकथित इज्जत की खातिर भी घर की बात बाहर नहीं जाने दी जाती। लेकिन इस समझदार बेटी ने पिता की इस करतूत के बारे में अपनी मां को बताया तो पहले तो उसे यकीन ही नहीं हुआ। उसने जब पूरे विस्तार से आपबीती बतायी तो मां का खून खौल उठा और उसने थाने पहुंचने में देरी नहीं लगायी।
महाराष्ट्र की उपराजधानी और उससे सटे कस्बेनुमा शहर में जब ऐसे शर्मनाक कुकर्मों को अंजाम दिया गया, ऐन उसी सप्ताह देश की राजधानी दिल्ली के मलिकापुर इलाके के एक सरकारी स्कूल में १०वीं की छात्रा ने स्कूल के बाथरूम में एक बच्ची को जन्म दिया। वह भी एक ५१ साल के ऑटोचालक की अंधी वासना का शिकार हुई थी। यह नराधम किशोरी को अपने चंगुल में फंसाये रखने के लिए रुपयों की लालच देता था। किशोरी जब गर्भवती हुई तो उसने बच्चा गिराने की दवा खिला दी जिसके असर से उसे स्कूल में प्रीमैच्योर डिलीवरी हो गई। किशोरी का पेट फूलने पर उसके गरीब- अशिक्षित माता-पिता को यही लगता रहा कि किसी बीमारी या गैस की वजह से उनकी बिटिया का पेट फूल रहा है। उन्हें भी जब बेटी के स्कूल के प्रसाधन गृह में बच्ची को जन्म देने की खबर लगी तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गयी। नाबालिग मां और नवजात शिशु को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
नागपुर के निकट स्थित धार्मिक स्थल रामटेक के एक घर में लगभग एक माह से जंजीरों से बांधकर रखी गयी आदिवासी युवती को पुलिस ने छापा मारकर देह व्यापार से मुक्त कराया। युवती के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जाता था और उसे जंजीरों से तभी मुक्त किया जाता था जब उसे देह भोगियों के सुपुर्द करना होता था। पुलिस चौकी से मात्र पांच किलोमीटर पर चलने वाले इस देह के धंधे की भनक गांव वालों को तो लग गई थी, लेकिन सजग खाकी वर्दीधारी अनभिज्ञ थे! एक अज्ञात व्यक्ति ने जब टेलीफोन पर पुलिस थाने में खबर दी कि झोपडपट्टी स्थित एक मकान में एक युवती को बांधकर रखा गया है तो रामटेक पुलिस स्टेशन के दल ने वहां पहुंचने की जहमत उठायी। मकान की जब तलाशी ली गई तो अंधेरे कमरे में जंजीरों में बंधी रोती-सुबकती युवती मिली। उसे पुलिस स्टेशन लाया गया। शारीरिक और मानसिक प्रताडना से टूट चुकी बुखार से ग्रस्त युवती ने रोते-रोते बताया कि वह मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पीठा गांव की रहने वाली है। एक माह पहले दो मोटर साइकल सवार युवकों ने जबरन उसे यहां लाकर विनोद नामक शख्स के हवाले कर दिया। पहले तो उसे बेचने के लिए गुजरात के एक व्यक्ति को बुलाया गया। पसंद न आने के कारण वह वापस लौट गया। उसके बाद उसे ग्राहकों को परोसा जाने लगा। पिछले एक माह से विभिन्न देहभोगियों के द्वारा उसके साथ प्राकृतिक व अप्राकृतिक दुष्कर्म किया जा रहा था।
दिल्ली में ही अशोक विहार इलाके में एक युवक ने शादी से इंकार करने पर युवती की मां को ही तेजाब से नहला दिया। युवक, युवती से शादी करना चाहता था, लेकिन मां अपनी बेटी की शादी उससे करने के लिए तैयार नहीं थी। मां और बेटी रात को जब घर में सोई थी तब गुस्साये युवक ने युवती की मां को तेजाब से जलाकर अपने एकतरफा प्यार का आतंकी उदाहरण पेश कर दिया। देश और प्रदेशों के शहरों-कस्बों, गांवों में दूसरों की बहन-बेटियों पर गंदी निगाह रखने वाले गुंडे-बदमाश और तथाकथित शरीफ लोग बेखौफ होकर ऐसी वारदातों को अंजाम देने में लगे हैं। कानून और पुलिस का तो उन्हें भय ही नहीं लगता। अपने देश की पुलिस के निकम्मेपन के कारण अब तो लोग भी बेकाबू होने लगे हैं। इसका जीवंत प्रमाण सदा शांत रहने वाले शहर शिमला में देखने में आया। गुस्से में भडकी भीड ने बलात्कार व हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी को लॉकअप में ही फूंक डाला और थाने में आग लगा दी। इससे पहले भी बलात्कारियों को भीड के द्वारा घेर कर मारने की कई खबरों ने सुर्खियां पायी हैं। निर्भया के बलात्कारियों को जब दिल्ली के तिहाड जेल में कैद किया गया था तब कैदियों ने ही उनकी पिटायी कर दी थी। उनका बस चलता तो उनका खात्मा ही कर दिया जाता। ऐसे ही पश्चिमी बंगाल में भीड ने एक बलात्कार के आरोपी को जेल के अंदर से बाहर घसीट-घसीट कर मार डाला था। यह लोगों का दबा हुआ आक्रोश है जो कानून को अपने हाथ में लेने की हिम्मत करने से नहीं सकुचाता और घबराता।

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