Thursday, August 10, 2017

इन्हें शर्म नहीं आती

वैसे तो फिल्मी नायिकाओं और उनके चहेतों की विभिन्न मुद्राओं वाली तस्वीरे यहां-वहां छपती रहती हैं। यह जरूरी नहीं कि उनपर सभी का ध्यान जाए। लेकिन अभी हाल ही में संसद भवन से बाहर निकलती फिल्म अभिनेत्री रेखा को अपलक घूरते कुछ सांसदों की विभिन्न अखबारों में छपी तस्वीर ने खासा ध्यान आकर्षित किया। फेसबुक पर भी यह तस्वीर चर्चा का विषय बनी रही। किसी मित्र ने बडी सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि मर्द तो आखिर मर्द होते हैं। मित्र शिष्टाचार के दामन से बंधे थे। फेसबुक पर इशारों ही इशारों में अपने मन की बात कहने वाले ऐसे मित्र कम ही देखने में आते हैं। अभद्र भाषा फेसबुक की पहचान बनती चली जा रही है। माननीय सांसदों का इठलाकर चलती अभिनेत्री को सडक छाप छोकरों की तरह रूककर ताकना यह तो दर्शा ही गया कि सौंदर्य के चक्कर में माननीय सांसद अपने पद की गरिमा को ही भूल गये हैं। अभिनेत्री रेखा राज्यसभा की सांसद हैं। तरह-तरह के विवादों से उनका अटूट नाता रहा है। कई शादियां कर चुकी हैं। उनका चरित्र पूरी तरह से संदिग्ध रहा है। अक्सर उंगलियां भी उठती रही हैं। ऐसे में उन्हें राज्यसभा की सांसद मनोनीत किया जाना यकीनन हैरत की बात है। अपने वतन में ऐसे चेहरों को राज्यसभा के तोहफे से नवाजा जाना कोई नई बात नहीं है। हमें तो यही लगता है कि उनकी घोर विवादास्पद छवि और खूबसूरती ने उन्हें इतना बडा उपहार दिलवाया हैं। देश के राजनीतिक दल विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को नजरअंदाज कर अभिनेताओं, अभिनेत्रियों और खिलाडियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। रेखा की तरह क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी राज्यसभा के लिए मनोनीत हैं। यह दोनों कभी-कभार ही राज्यसभा में नजर आते हैं। जब कभी मन मारकर आते भी हैं तो यह दर्शाते कि जैसे राज्यसभा में लाने वाले राजनीतिक दलों और इस देश के लोकतंत्र पर कोई अहसान कर रहे हों। राज्यसभा की सांसदी तो उनके लिए एक तुच्छ उपहार है जो उन्हें जबर्दस्ती थमा दिया गया है।
गौरतलब है कि साहित्य, विज्ञान, कला और समाजसेवा के क्षेत्र में पूरी सक्षमता और प्रभाव के साथ सक्रिय रहने वाली १२ हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने का प्रावधान है। इसके पीछे एक खास सोच यह भी होती है कि यह लोग चुनावी राजनीति से दूर रहते हैं इसलिए इन्हें राज्यसभा में भेजा जाए ताकि देशवासियों को उनकी विद्धता, ज्ञान और अनुभव का लाभ मिल सके। लेकिन जब इनमें से अधिकांश लोग जब राज्यसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते ही नहीं तो उन्हें इस गरिमामय पद से सुशोभित करने का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता। वैसे यह भी सच है कि अपने-अपने क्षेत्र के वास्तविक विद्वानों को राजनीतिक दल राज्यसभा के लिए मनोनीत करने से कतराते हैं। इस मामले में भी भाई-भतीजा वाद और चेहरे तथा माथे की चमक देखकर टीका लगाया जाता है। ग्लैमर के गुलाम राजनेताओं की हकीकत उनकी औकात का भी पता दे देती है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी को कुछ महीने पहले दिल्ली के एक स्कूल के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। तिवारी भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रहे हैं और एक अच्छे गायक के रूप में भी उनकी खासी पहचान है। वे जब स्कूल के कार्यक्रम के दौरान मंच पर विराजमान थे तब एक उम्रदराज शिक्षिका ने उनसे गाना गाने का अनुरोध किया तो वे ऐसे भडक उठे जैसे किसी ने उनपर गर्म तेल उडेल दिया हो। सांसद ने शिक्षिका के लिए स‹डक छाप गुंडे-बदमाशों वाली भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ऐसी ठेस पहुंचायी जिसे वे जीवनभर नहीं भूल पायेंगी। दरअसल, शिक्षिका तो यही चाहती थीं कि गायन के क्षेत्र में डंका पीट चुके मनोज तिवारी छात्र-छात्राओं को कोई राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत गीत सुनाएं। लेकिन मनोज पर तो दिल्ली का सांसद होने का अहंकार हावी था। उनके अभद्र व्यवहार के कारण स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाएं भी भडक गर्इं।
इन्हीं सांसद महोदय का एक और चेहरा सामने आया। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा बीते सप्ताह अपनी फिल्म 'हैरी मेट सेजल' के प्रचार के लिए बनारस पहुंचे थे। तब सांसद महोदय भी वहीं उपस्थित थे। जब धुंआधार प्रचार कार्यक्रम चल रहा था तभी उन्होंने बिना किसी की फरमाइश के अनुष्का के लिए एक गाना गाया। जिसके बोल हैं, "कमरिया करे लपालप लॉलीपॉप लागेलू।" ताज्जुब की बात यह कि इस अश्लील गाने को गाते-गाते यह सभ्य सांसद महोदय अभिनेत्री के सामने घुटनों पर भी बैठने से नहीं सकुचाए।
यह माना जाता है कि इंसान को घर-परिवार से जैसी शिक्षा-दीक्षा और संस्कार मिलते हैं, उन्हीं में वह रच-बस जाता है। कुछ राजनेताओं की बिगडैल औलादों की करतूतें उनको मिले घटिया संस्कारों की पोल खोल देती हैं। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ को देश का एक साफ-सुथरा शहर माना जाता है। इसी शहर में बीते सप्ताह हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बरला के बिगडैल बेटे और उसके दोस्त को एक युवती के साथ छेडछाड के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हरियाणा के एक वरिष्ठ आईएएस की बेटी वर्णिका जब रात को अपने घर जा रही थी तो इन बदमाशों ने उसका अपहरण तक करने की भरसक कोशिश की। बहादुर युवती ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इन शब्दों में अपनी पीडा और चिन्ता व्यक्ति की है : 'मैं शायद किडनैप हो जाती। मैं रात करीब सवा बारह बजे अपनी कार से सेक्टर-८ मार्केट से अपने घर जा रही थी। जब मैं रोड क्रॉस करने के बाद सेक्टर-७ के पेट्रोल पम्प के पास पहुंची, उस समय मैं अपने दोस्त से बात कर रही थी। अचानक मुझे अहसास हुआ कि सफेद रंग की एक एसयूवी की कार मेरी कार का पीछा कर रही है। उस कार में दो ल‹डके सवार थे। मुझे कई बार लगा कि वह मेरी कार को टक्कर मार देंगे, लेकिन किसी तरह से मैं खुद को बचा रही थी। इसी बीच मैंने पुलिस को फोन कर अपनी लोकेशन बताई। वह दोनों मुझे दबोचने की भरपूर कोशिश कर रहे थे। मेरे हाथ कांप रहे थे। मेरी आंखों में आंसू थे। मैं बेहद डरी हुई थी। मैं बस यही सोच रही थी कि मेरा क्या होगा। पता नहीं आज घर लौट पाऊंगी भी कि नहीं। लेकिन पुलिस ने मुस्तैदी दिखायी और मुझे उनके चंगुल से बचाया। अब मैं कह सकती हूं कि मैं लकी हूं कि बलात्कार के बाद किसी नाले में मरी नहीं मिली।'

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