Thursday, April 26, 2018

इन्हें कौन सुधारे?

यह अच्छी बात है कि अधिकांश परिवारों-पुरुषों ने यह स्वीकार कर लिया है कि लडकियों को पढाया-लिखाया जाए। स्त्रियों को घर से बाहर आने-जाने की स्वतंत्रता दी जाए। लडकियों और महिलाओं के नौकरी करने पर भी कोई पाबंदी नहीं हो। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर नारियां पुरुषों को जबर्दस्त चुनौती देती दिखायी देती हैं। खुले दिल के लोग इसे अच्छा संकेत मानते हुए तहेदिल से स्वीकार रहे हैं। अफसोस और चिन्ता की बात यह भी है कि देश में अभी भी कुछ संकीर्ण मनोवृत्ति वाले लोग हैं जो यह चाहते हैं कि नारियां उनके हिसाब से चलें। युवतियों का किसी युवक से हंस-बोलकर बात कर लेना उन्हे शूल की तरह चुभता है। भारत में ऐसा प्रदेश भी है जहां के गांवों में लडकियों का मोबाइल पर बात करना और जींस पहनना अपराध माना जाता है। लडकियों की स्वतंत्रता उन्हें डराती है और उन्हें अपनी नाक कटने की चिन्ता सताती है। ऐसे ही लोगों की भीड में अपनी नाक कटवाने वाले सीना तानकर चलते नजर आते हैं जिन्हें दूसरों की मां-बहनें बाजारू प्रतीत होती हैं। वे उनकी आबरू लूटने की फिराक में रहते हैं।
हिन्दुस्तान की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मुंबई से लौटी थीं और एयरपोर्ट से दिल्ली स्थित अपने निवास पर जा रही थीं। इस दौरान उन्होंने पाया कि एक सफेद रंग की कार उनकी गाडी का पीछा कर रही है। कार में चार लडके सवार थे। वे उनकी गाडी के बराबर अपनी कार दौडा रहे थे और उनकी तरफ देखते हुए ओछी हरकतें कर रहे थे। मंत्री ने अपने ड्राइवर से बीकन लाइट ऑन करने को कहा, लेकिन नशे में धुत चारों लडकों की अक्षम्य इशारेबाजी की रफ्तार तेजी पकडती गई। ऐसे में उन्होंने १०० नंबर पर कॉल कर दिया। पुलिस की पकड में आते ही वे हाथ-पांव जोडने लगे। उनका नशा काफूर हो गया। उनकी उम्र महज १८ से १९ साल है। वे अभी कालेज में पढाई कर रहे हैं। देश में महिलाओं से दुर्व्यहार और अश्लील हरकतों की वारदातें थम नहीं रही हैं। राजधानी दिल्ली में बीते सप्ताह एक उबर कैब चालक ने महिला यात्री के सामने ऐसी अश्लील हरकत की जिसकी वजह से महिला को बहुत गहरा सदमा लगा। चालीस वर्षीय यह महिला टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी में काम करती हैं। वे रविवार रात को इंदौर से लौटी थी। रात दस बजे उन्होंने एयरपोर्ट से घर जाने के लिए उबर कैब की। रास्ते में महिला ने देखा कि कैब चालक अपनी पैंट की चेन खोल कर अश्लील हरकत कर रहा है। महिला को बेहद बुरा लगा। गुस्सा भी आया। वह बार-बार व्यू मिरर के जरिए उन्हें देखते हुए अश्लीलता की पराकाष्टा पार करता रहा। हद तो तब हो गई जब उसने महिला से छेडछाड करनी शुरू कर दी। ऐसे में उन्होंने ड्राइवर को धमकाते हुए कैब रूकवाई व १०० नंबर पर शिकायत की। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह पिछले डेढ साल से फर्जी लाइसेंस पर कैब चला रहा था। अब वो जमाना तो है नहीं कि महिलाएं घर में बंद कमरों में सिमटी रहें।
आज लडकियां आसमान छूना चाहती हैं। इसके लिए वे दौड-भाग करने में कोई कसर नहीं छोडतीं। हरियाणा के तरक्की करते शहर सोनीपत के गांव में पिछले दिनों पंचायत ने मुनादी कराई कि गांव की लडकियां जींस पहनना बंद कर दें और मोबाइल से भी पूरी तरह से दूरी बना लें। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकांश ग्रामीणों ने पंचायत के इस फैसले की सराहना की। गांव के सरपंच का कहना है कि लडकियां जींस पहन कर लडकों को रिझाती हैं, लडके भी उनपर लट्टू हो जाते हैं। उनके हाथ में आया मोबाइल आग में पेट्रोल डालने का काम करता है। सरपंच बार-बार उन तीन लडकियों का जिक्र भी करते रहते हैं जो जींस पहनती थीं और मोबाइल भी रखती थीं। फिर अपने प्रेमियों के साथ गांव से भाग खडी हुर्इं। सरपंच कहते हैं कि लडकियों के भाग जाने से गांव और पंचायत की जबर्दस्त बदनामी हुई है। हम नहीं चाहते कि गांव की और लडकियां अपना मुंह काला करें इसलिए जींस और मोबाइल पर बैन लगाना निहायत जरूरी हो गया है। सरपंच लोगों को यह बताना भी नहीं भूलते कि उनकी दो बेटियां और एक नातिन है, जिन्हें साधारण कपडे पहनने को दिये जाते हैं और मोबाइल भी तभी उन्हें दिया जाता है जब किसी रिश्तेदार से बात करनी जरूरी हो। गौरतलब है कि हरियाणा तुगलकी फरमानों के लिया जाना जाता है। खाप पंचायतों की मनमानी और दादागिरी की कई खबरें पढने-सुनने में आती रहती हैं। प्रेमियों को सूली पर लटकाने में देरी नहीं की जाती। कुछ माह पहले एक खाप पंचायत ने चाऊमीन खाने पर प्रतिबंध लगाया था। वजह बतायी गयी थी कि इसे खाने से उत्तेजना बढती है और बलात्कारों में इजाफा होता है।
मनचलों के आतंक से लडकियां अक्सर परेशान रहती हैं। कुछ ही लडकियां उनकी छेडछाड का प्रतिरोध कर उन्हें सबक सिखा पाती हैं। बदमाश इसलिए बेफिक्र रहते हैं क्योंकि उनकी निगाह में लडकियों में आत्मविश्वास और हिम्मत का अभाव होता है जिससे उनके मंसूबे आसानी से पूरे हो जाते हैं। देश के प्रदेश मध्यप्रदेश के शहर में भी गुंडे-बदमाशों ने महिलाओं का जीना हराम कर रखा है। अपने भी दुष्कर्म में पीछे नहीं रहते। पिता द्वारा बेटी से दुष्कर्म, मौसा द्वारा भानजी से ओछी हरकत, पडोसी द्वारा नाबालिग पर अत्याचार की खबरें इस शहर में भी आम होने से चिंतित और परेशान लडकियों ने आत्मरक्षा के गुर सीखने शुरू कर दिये हैं। विशेषज्ञ उन्हें गुंडे बदमाशों का मुकाबला करने के विभिन्न तरीके सिखा रहे हैं। आत्मरक्षा के गुर सीख कर लडकियां निर्भीक बन रही हैं। कभी बदमाशों से भयभीत हो जाने वाली लडकियां आत्मविश्वास से लबरेज हैं। वे ऐलानिया स्वर में कहती हैं कि अगर किसी ने हमारे साथ बदसलूकी की तो हम बडे जोर से चीखेंगी और भीड इकट्ठा कर उन्हें भागने को विवश कर देंगी। हमने उनकी ठुकाई के भी तरीके सीख लिए हैं। अब गंदी सोच रखने वाले सावधान हो जाएं। अभी तक ५० बालिका और किशोरियां प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। यह सिलसिला अनवरत जारी है।

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