Thursday, August 30, 2018

नींद है कि टूटती नहीं

देशभर के न्यूज चैनलों और अखबारों में अपराध और अपराधियों के बारे में जो तमाम खबरें प्रसारित और प्रकाशित की जाती हैं उनका एक बहुत बडा मकसद यही होता है कि लोग सावधान हो जाएं। देश और समाज के दुश्मनों को पहचानें और बिना खौफ खाए उनके खिलाफ आवाज़ उठाएं, लेकिन जो तस्वीर सामने है वह तो यही बता रही है कि अधिकांश लोग पढ और सुनकर भूल जाते हैं और जब तक खुद पर नहीं आती तब तक आंखें बंद किये रहते हैं, चुप्पी साधे रहते हैं। लुट-पिट जाने के बाद ही उनके होश ठिकाने आते हैं। लोगों ने अगर जागृत होने और सबक लेने की आदत पाल ली होती तो ऐसी खबरों पर काफी हद तक विराम लग जाता जो आतंक, हिंसा, देशद्रोह, धोखेबाजी, व्याभिचार, छलकपट, गुंडागर्दी का जीवंत दस्तावेज हैं।
नागपुर में एक ऐसे नटवरलाल को हथकडियां पहनायी गर्इं, जिसने तीन दर्जन महिलाओं को अपने जाल में फंसाया था। वह कभी खुद को शहर का बडा व्यापारी बताकर किसी महिला को अपना शिकार बनाता था तो कभी डॉक्टर बताकर। उसके निशाने पर ज्यादातर विधवा महिलाएं रहती थीं। वह शादी करने की इच्छुक महिलाओं की सेकंड शादी डॉट कॉम से जानकारी लेता था। इस जालसाज के चक्कर में कई महिलाओं ने अपने घर तक बेच दिए। वे उसके मायाजाल में फंस कर पूरी तरह से अंधी हो गई थीं। वह उन्हें जैसे नचाता वे वैसे नाचती रहीं। नाम, पेशा और रूप बदल-बदल कर महिलाओं के साथ शादी और अय्याशी करने वाले इस धूर्त की एक साथी थी जो कभी उसकी बहन बन जाती तो कभी पत्नी। महिलाओं को फांसने के लिए वह उसकी पूरी मदद करती थी। वर्धा निवासी एक तलाकशुदा महिला पर भी उसने सेकंड शादी डॉट कॉम नामक साइट के जरिए अपना जाल फेंका। उसने उसे बताया कि वह भी विधुर है और शहर का बडा व्यापारी है। महिला ने अपने परिजनों से सलाह लेने का हवाला देकर उसे कुछ दिन तक इंतजार करने को कहा, लेकिन उसने कुछ जानकारी देने के बहाने महिला को नागपुर आने को विवश कर दिया। महिला वर्धा से नागपुर पहुंची तो वह फौरन उसे कार में बैठाकर सुनसान इलाके की तरफ ले जाने लगा। इस बीच इस बेसब्रे ने उससे छेडछाड करनी शुरू कर दी। महिला को उसकी नीयत का भान हो गया और उसने तीव्र विरोध करते हुए कार रुकवायी और थाने जा पहुंची। पुलिसिया जांच के बाद बदमाश की हकीकत की परत-दर-परत पोल खुलती चली गयी। दो-तीन दिन में ही पांच-छह और महिलाएं थाने में पहुंच गर्इं। इन्हें भी शातिर ने अपना शिकार बनाकर लाखों रुपये एेंठ लिए थे।
पंजाब के लुधियाना शहर की एक २२ साल की युवती अपने फेसबुक फ्रेंड पर इस कदर आसक्त हुई कि वह उससे मिलने के लिए अकेली होटल में जा पहुंची। प्रेमी ने कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीला पदार्थ मिलाया तो वह बेहोश हो गई। होश में आने के बाद उसे पता चला कि उसकी अस्मत लूटी जा चुकी है। करीब ढाई महीने पहले फेसबुक पर दोनों की दोस्ती हुई थी। एक दूसरे की पोस्टों के लिंक करने के साथ-साथ चेटिंग का भी सिलसिला शुरू हो गया। फिर एक दूसरे के मोबाइल नंबर शेयर किये गए। एक दिन दोस्त ने होटल में आने का आमंत्रण दिया तो वह खुद को रोक नहीं पाई। खुशी-खुशी पहुंच गई ऐसे बलात्कारी की गोद में, जिसने पता नहीं अब तक कितनी युवतियों को फेसबुक के माध्यम से अपना शिकार बनाया होगा और भविष्य में भी बनायेगा। लडके ही नहीं, लडकियां भी छल-कपट में बडी दिलेरी के साथ बुरे कामों में बाजी मार रही हैं। गाजियाबाद के एक युवक की सोशल साइट के जरिए एक युवती से दोस्ती हुई। दोस्ती और बातचीत के बाद दोनों में शारीरिक संबंध भी बन गए। एक दिन जब दोनों मौज-मस्ती कर रहे थे तो एक युवक वहां पहुंच गया जिसने युवक को बताया और धमकाया कि उसका अश्लील क्लिप बना लिया गया है। इसलिए उसे पांच लाख रुपये देने होंगे वर्ना अश्लील क्लिप को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। युवक ने अपनी सोने की चेन और हजारों रुपये देकर पीछा छुडाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। उनकी पांच लाख रुपये की मांग अभी भी बनी हुई है।
लेडी डॉन! वो भी दिल्ली में! दिल्ली तो भारतवर्ष की राजधानी है, कोई जंगल नहीं! आप कितना भी आश्चर्य करते रहें, लेकिन यह सच है। फिल्मी किरदारों को साकार करने का ठेका सिर्फ पुरुषों ने ही नहीं ले रखा है। यह बात अलग है कि देश में नाममात्र की लेडी डॉन हुई हैं, लेकिन जितनी भी हुई हैं, उन्होंने खूब दहशत मचाकर अपने नाम का डंका बजाया। दिल्ली के संगम विहार में काला चश्मा पहनने वाली बशीरन तीन दशक से अधिक समय तक दहशत का पर्याय बनी रही। उसने न जाने कितने बच्चों को अफीम, गांजा, चरस और शराब का लती बनाते हुए अपराध के गुर सिखाए। इस शातिर महिला ने परायों और अपनों में कोई भेद न करते हुए अपने आठ बेटों और आठ पोतों को भी जुर्म की दुनिया में उतारकर अपनी ऐसी डरावनी छवि बनाई, जिससे लोग उसकी परछाई से भी खौफ खाने लगे। बडे से बडे अपराध को धंधे की तरह अंजाम देने वाली बशीरन ने हत्या, अपहरण से लेकर हाथ-पैर तोडने और धमकी-चमकी देने तक के रेट तय कर रखे थे। देश के कोने-कोने से कई सफेदपोश और गुंडे-बदमाश उसके पास आते थे और तयशुदा रकम देकर हत्याएं और अपहरण करवाते थे। अपने दुश्मनों की हड्डी-पसली तुडवाने के लिए बशीरन की शरण में आने वालों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। इससे उनका अपने इलाके में दबदबा बढ जाता था और आगे का काम भी आसान हो जाता था। भेष बदलने में माहिर ६२ वर्षीय बशीरन ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अपने मकान और आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे। जब भी उसे किसी खतरे का आभास होता तो वह घर के पीछे के दरवाजे से जंगल के रास्ते की ओर निकल भागती थी। इस लेडी डॉन ने कई सालों से पूरे इलाके के सरकारी बोरवेलों पर कब्जा कर रखा था। नागरिकों को घंटे के हिसाब से पानी देकर रकम वसूलती थी। भले ही पुलिस ने पिछले हफ्ते उसे किसी तरह से गिरफ्तार करने में सफलता पा ली, लेकिन इलाके के किसी भी निवासी ने उसके खिलाफ मुंह नहीं खोला। कल भी लोग उससे कांपते थे और आज भी खौफ खाते हैं। वे मानते हैं कि वह कुछ हफ्तों के बाद जमानत पर छूटकर बाहर आ जाएगी और अपने विशाल गिरोह के साथ आतंक मचायेगी। यह खौफनाक तस्वीर यकीनन यही दर्शाती है कि हमारे देश में सरकारें सोयी हुई हैं। जनप्रतिनिधि अपनी आखें बंद किये हैं और नौकरशाहों का तो कहना ही क्या...। जिन गुंडे, बदमाशों, हत्यारों से पुलिस डरती हो, दबोचने से पहले सौ बार सोचती हो, तो ऐसे में असहाय जनता से यह उम्मीद रखना बेमानी है कि वह अपने आसपास पनप रहे अपराधों और खूंखार अपराधियों को सबक सिखाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा देगी।

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