Thursday, November 28, 2019

नारी ही होती है दोषी!

'बीवी का सिर काटकर चौराहे पर लटकाने पहुंचा शराबी पति' इस शीर्षक के अंतर्गत छपी खबर ने चौंका और रुला दिया। यह तो इन्सान के खूंखार पशु बनने की पराकाष्ठा है। क्या कसूर था उस पत्नी का, जिसे उसके पति ने ऐसी मौत दी, जिससे लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। हत्यारे पिता के कारण चार मासूम बच्चों से सदा-सदा के लिए उनकी मां छिन गई। वे दर-दर भटकने को मजबूर हो गये। उन्हें हाथ में भीख का कटोरा थामने को विवश होना पडा? इस दरिंदे हैवान शैतान का नाम है, नरेश बघेल। नरेश की पंद्रह साल पूर्व शांति से शादी हुई थी। तीन बेटियां और एक बेटा है। सबसे बडी बेटी पायल तेरह साल की है। जब शादी हुई थी तब नरेश को शराब पीने का शौक था, लेकिन कालांतर में यह शौक उसकी बरबादी की गंदी आदत बन गया। घर में रोज की कलह का कारण बन गया। उस रात भी नरेश शराब पी रहा था। शांति रसोई घर में खाना बना रही थी। चारों बच्चे डरे-सहमें बैठे थे। नरेश पिछले दो घण्टे से शराब पीते हुए गालीगलौच किए जा रहा था। नरेश बाहर से पीकर तो आता ही था, घर में भी बच्चों के सामने पीने बैठ जाता था। कोई भी रात ऐसी नहीं गुजरती थी, जब उसका हाथ पत्नी पर नहीं उठता था। बच्चे भी नशे में धुत पिता के लात-घूसे और डंडे खाकर दहशत में जीने को विवश थे। वे हंसना भूल चुके थे। उन्हें न ढंग का खाना मिलता था और ना ही कपडे। अनाथों-सी हालत हो गई थी उनकी। पिता अधिकांश कमायी शराब में ही उडा देते थे। बच्चे इतने घबराये रहते थे कि अक्सर पिता के आने से पहले ही सो जाते थे, या सोने का नाटक करते थे। नरेश को शांति का पीने से रोकना-टोकना, समझाना और बडबडाना किसी शूल की तरह चुभता था। उसे लगता था कि शांति उसकी आजादी की शत्रु है। रोज-रोज उसकी पुरुष सत्ता को चुनौती देकर उसे अपमानित करती रहती है। वह उसकी पत्नी है, गुलाम है। उसे रोकने-टोकने का कोई हक नहीं। उसे अपनी कमायी को अपने तरीके से लुटाने का पूरा अधिकार है।
हमेशा की तरह उस रात भी पति और पत्नी में काफी देर तक लडाई-झगडा होता रहा। पतिदेव के हाथों पिटने के बाद पत्नी सोने चली गई। दो दिन पहले नरेश ने अपने एक दोस्त को शराब पीने के लिए घर में आमंत्रित किया था। जब दोनों पीते-पीते लगभग बेसुध हो गए थे तब शांति ने उसके दोस्त को जो नुकीली शाब्दिक फटकार लगायी थी, उससे नरेश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था। तभी उसने बेहद खतरनाक फैसला कर लिया था। बांका (हथियार) भी खरीद कर घर में लाकर रख दिया था। सुबह करीब ५.३० बजे जब शांति गहरी नींद में थी तब नरेश ने उसके गले में ऐसा जोरदार प्रहार किया कि उसका सिर धड से अलग हो गया। शांति को तडपने का मौका ही नहीं मिला। उसके बाद हैवान, शैतान नरेश बीवी के कटे सिर को एक कनस्तर में लेकर हरिपर्वत चौराहे पर जा पहुंचा। वह कटे हुए सिर को ट्राफिक सिग्नल के खंभे में लटकाने की कोशिश में लगा था कि ट्राफिक सिपाही की उस पर नजर पड गई। पहले तो उसे लगा कि कहीं कोई आतंकी बम रखने तो नहीं जा रहा है। दरअसल, प्रदेश में राम मंदिर का फैसला आने के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया था। हर कोई सजग और सतर्क था। उत्तरप्रदेश की ऐतिहासिक नगरी आगरा की पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद थी। उस सिपाही ने बडी फुर्ती के साथ नरेश के करीब पहुंच कर उसे दबोच लिया। उसके मुंह से शराब की तीखी गंध आ रही थी। सिपाही ने कनस्तर को खोला तो सन्न रह गया। आटे के कनस्तर में नारी का कटा हुआ सिर था। सिपाही ने तुरंत पुलिस थाना में फोन कर सूचना दी। ३५ वर्षीय इस नृशंस हत्यारे ने जो कहानी सुनाई उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भौंचक रह गए। उसके चेहरे पर पश्चाताप की जगह किसी युद्ध को जीतने के बाद की खुशी थी। उसका कहना था कि चौराहे पर पत्नी के सिर को टांगकर वह सभी महिलाओं को सतर्क करना चाहता था कि कभी भूले से भी अपने पतिदेव की मौजमस्ती और शराबखोरी में बाधक न बनें। जो औरतें यह भूल करती हैं, वे सावधान हो जाएं। पुरुष को हैवान बनने और उसके दिमाग को पटरी से उतरने में देरी नहीं लगती...।
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एकतरफा प्यार में पगलाये पहलवान सोमवीर ने ताइक्वांडो खिलाडी सरिता की हत्या कर दी। एक साल पहले २५ वर्षीय सरिता रोहतक में एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गई थी। वहीं पर उसकी मुलाकात सोमवीर से हुई। राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर नाम कमाने वाला सोमवीर पहली ही मुलाकात में सरिता पर लट्टु होकर एकतरफा मुहब्बत करने लगा था। कुछ दिनों के बाद ही पहलवान ने सरिता से शादी करने की जिद पकड ली, लेकिन सरिता ने पूरी तरह से इनकार कर दिया, लेकिन वह नहीं माना। वह सरिता को तरह-तरह से परेशान कर जान से मारने की धमकियां देने लगा। पुलिस में उसकी शिकायत दर्ज करवाई गयी, लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पडा। एक दिन वह सुबह चार बजे दीवार फांदकर उसके घर में जा घुसा और वही जिद पकड ली। घर के लोगों के विरोध करने पर उसने बरामदे में खडी सरिता पर गोली चलाई और भाग खडा हुआ। सरिता जयपुर के एक कॉलेज से फिजिकल एजुकेशन में ग्रैजुएशन की पढाई कर रही थी। करीब ४ साल तक ताइक्वांडो खेलने के बाद वह खेलों को ही अपना कैरियर बनाना चाहती थी, लेकिन एकतरफा प्यार में अंधे हुए पहलवान ने उसके सपने एक ही झटके में खत्म कर दिए और अपना भी वर्तमान और भविष्य चौपट कर दिया।
लगभग दो वर्ष पूर्व विक्की और ज्योति की दोस्ती फेसबुक पर हुई थी। विक्की से दस वर्ष बडी ज्योति के दस और सात साल के दो बेटे थे। कुछ वर्षों से पति से अलग रह रही थी। जब दोनों की पहली मुलाकात हुई तो विक्की ने प्यार का इज़हार कर दिया। उसके बाद उनका होटल के कमरे में मिलने का दौर शुरू हो गया। वे अक्सर सुबह नौ-दस बजे होटल आते और रात को ११ बजे तक चले जाते थे। इसलिए होटल स्टाफ दोनों को अच्छी तरह से जानता था। हमेशा की तरह उस दिन भी दोनों ने जमकर शराब पी और काफी देर तक मौजमस्ती करते रहे। इसी बीच नशे में धुत ज्योति ने किसी बात पर विक्की को थप्पड जड दिया। इससे पहले विक्की भी कई बार नशे में ज्योति की पिटायी कर चुका था। ज्योति के लिए तो यह भी प्रेमी के प्यार करने का एक अंदाज था, लेकिन विक्की प्रेमिका के थप्पड को सह नहीं पाया। उसके तन-बदन में आग लग गई। उसे लगा कि एक अदनी-सी औरत ने उसके पौरुष को चुनौती दी है। सीना तानकर ललकारा है। उसकी इज्जत की धज्जियां उडा कर रख दी हैं। प्रेमिका शराब के नशे के खुमार में डूबी थी और प्रेमी उसका गला घोंट होटल से भाग खडा हुआ। और अब... कमरे में तेज आवाज में कोई पुराना फिल्मी गाना चल रहा था और बिस्तर पर एक लाश पडी थी।

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