Friday, March 11, 2022

कलंक

    आपकी बहन, बेटी, पत्नी की अस्मत लुट जाए तो आपको कैसा लगेगा? मुझे पता है कि आप ऐसा कोई भी ख्याल अपने मन में नहीं लाना चाहते। फिर भी जरा कल्पना तो करें। मेरे अनुरोध के जवाब में आप यह कहने से नहीं चूकने वाले कि हम तो अपनी बहन, बेटियों पर गलत निगाह डालने वाले की बोटी-बोटी ही नोच डालेंगे। आपकी तरह और भी कोई अपने परिवार की बेटियों की इज्जत पर डाका पड़ते नहीं देख सकता। फिर भी देश भारत में रोज बलात्कार हो रहे हैं। जिन बेटियों की इज्जत तार-तार हो रही है क्या वे लावारिस हैं? माना वे असहाय हैं, गरीब हैं, अकेली हैं, लेकिन क्या उनकी हिफाजत करने की किसी की भी जिम्मेदारी नहीं है? आज जो मंज़र हमारे सामने हैं, वही तमाम सुलगते सवालों का जवाब हैं। गरीबी, बदहाली, भुखमरी और गरीब उस भारत का असली चेहरा हैं, जिन्हें कुछ भारतीय देखना ही नहीं चाहते। अपने में मदमस्त इन सर्वशक्तिमान मायापतियों में कई बद और बदनाम शामिल हैं, जो गरीबों को इंसान ही नहीं समझते। नारी जिस्म इनके निशाने पर रहता है। उसका शोषण करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। महिलाओं पर अत्याचार ढाने में अनपढ़ ही नहीं, पढ़े-लिखे सफेदपोश भी पीछे नहीं हैं। जिनसे रक्षा और सुरक्षा की उम्मीद की जाती है वे भी दुष्कर्मों की पताका फहरा रहे हैं।
    एक सोलह वर्ष की गर्भवती लड़की की आपबीती सुनकर किसी भी सज्जन इंसान का कलेजा कांप सकता है। यह लड़की अपने पति के साथ महाराष्ट्र में स्थित रईस नेता की चीनी मिल में अपने पति के साथ कुछ महीने पूर्व काम करने गई थी। मजदूरी दिलाने वाले ठेकेदार ने उन्हें मोटी रकम दिलाने के आश्वासन के साथ पूरी सुरक्षा की शाब्दिक गारंटी दी थी, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ। उसी की तरह मध्यप्रदेश के सिवनी शहर के आसपास के सैकड़ों स्त्री-पुरुष मजदूरों को भी वहां पर ले जाया गया था और लगातार 16 से 18 घंटे काम करवाने के बाद भी पैसे नहीं दिए जा रहे थे। इतना ही नहीं, महिला मजदूरों की जबरन इज्जत लूटी जा रही थी। पुरुषों के विरोध करने पर उन्हें मार-मार कर अधमरा कर दिया जाता था। जेल में कैद अपराधियों से भी बदतर हालत में दिन-रात खटते लगभग 300 बंधुआ मजदूरों को जब मिल मालिकों के चंगुल से मुक्त करवाया गया तो पता चला कि जुल्मियों की सामंतवादी सोच अभी भी किस कदर जिंदा है। वह लड़की सुबह चार बजे पानी भरने जा रही थी तभी उसे जबरन जंगल में ले जाया गया। शुरू में दो वहशी थे। बाद में एक और शामिल हो गया। उन्होंने उसे जबरदस्ती कुछ खिलाया, जिससे वो बेहोश हो गई। उसके बाद तीनों ने बारी-बारी उस पर बलात्कार पर बलात्कार किया। इसी दौरान उसके गुप्तांग में कोई ऐसा तरल पदार्थ डाला गया, जिससे वह बेइंतहा पीड़ा से तड़पती रही। तीनों बलात्कारियों के मन में किंचित भी विचार नहीं आया कि वह गर्भवती है। नृशंस बलात्कार से जब उसका वहीं गर्भपात हो गया तो ठेकेदार का एक आदमी उसे लेबर कैम्प तक घसीट कर लाया। तब उसका पूरा जिस्म खून से सना था। दर्द के मारे छटपटा रही थी। घटना के एक हफ्ते बाद भी उसकी हालत नहीं सुधरी। लगातार रक्तस्त्राव होता रहा। किसी ने भी उसके प्रति रहम नहीं दर्शाया। उलटे उसे और उसके पति को धमकाया गया कि यदि मुंह खोला तो दोनों की हत्या कर जंगल में गाड़ देंगे और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। कुछ दिनों के पश्चात जब उसकी हालत थोड़ी सुधरी तो उसका फिर अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया।
    नंगल गांव के स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को शंका की निगाह से देखा जाने लगा है। बेटियों के माता-पिता चिंता में हैं। उनके गांव की हर तरफ बदनामी हो चुकी है। बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावक सोचने लगे हैं कि कहीं शादी-ब्याह में अड़चनें न खड़ी हो जाएं। इसकी वजह है एक देहभोगी शिक्षक, जिसने गुरू-शिष्या के पवित्र रिश्ते को कलंकित करते हुए ऐसा वासना का खेल खेला, जिसने हर किसी को गुस्सा दिला दिया है। अमृतपाल नाम का यह नराधम पच्चीस वर्षों से रोपड़ के नंगल गांव में स्कूल चला रहा था। अचानक जब सोशल मीडिया पर ऐसी अश्लील तस्वीरों तथा वीडियो की झड़ी लग गई, जिनमें नंगल गांव के स्कूल का प्रिंसिपल बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करता नजर आ रहा था तो लोगों के पैरोंतले की जमीन खिसक गई। बच्चियों के माता-पिता का माथा चकराने लगा। कई दिनों तक पुलिस अंधी बनी रही। उसने लोगों की शिकायत पर ध्यान देना कतई जरूरी नहीं समझा। क्रोधित नागरिकों की सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की धमकी के बाद पुलिस ने अय्याश शिक्षक को दबोचा तो यह सच सामने आया कि वह बीते कई वर्षों से अपने स्कूल की छात्राओं की अस्मत लूटता चला आ रहा था। इसके लिए उसने एक से एक तरीके ईजाद कर रखे थे। यह शैतान कम्प्यूटर क्लास में रखे सभी कम्प्यूटरों में अश्लील फिल्मों और तस्वीरों के फोल्डर बना कर रख देता तथा लड़कियों को कहता कि इन्हें बिलकुल न खोलें। जैसे ही कोई लड़की अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए अश्लील फिल्मों वाले फोल्डर को खोलती तो वह उसके पास जाकर उसके बदन पर हाथ फेरने लगता। विरोध करने पर वह धमकाते हुए कहता कि ज्यादा मुंह खोला तो तुम्हारे मां-बाप को बता दूंगा कि तुम चरित्रहीन हो चुकी हो। तुम्हें गंदी फिल्में देखने की लत लग चुकी है।
    वह छात्राओं को फेल करने और स्कूल से निकाल देने की धमकी देते हुए उनका यौन शोषण करता रहा और किसी को खबर ही नहीं लगी। शिक्षा क्षेत्र में बेखौफ होकर वासना का तांडव मचाते रहे इस हैवान ने असंख्य लड़कियों को अपनी वासना का शिकार बनाया और धड़ाधड़ अश्लील वीडियो भी बनाये। शंका तो यह भी है कि इस वहशी ने छात्राओं को अन्य सफेदपोश देहभोगियों के बिस्तरों तक भी पहुंचाया होगा। उसके राजनीति के बड़े नामों से करीबी संबंध हैं। कुकर्मी का पाप सामने आते ही वे धुरंधर उसे बचाने के लिए हाथ-पैर मारते दिखे, लेकिन यह अच्छी बात है कि बार कौंसिल ने ठान लिया है कि इस शैतान के बचाव में कोई भी वकील खड़ा नहीं होगा। यह सच किसी से छिपा नहीं कि समाज में विचरण कर रहे सफेदपोश दुराचारी अपने बचाव के कई रास्ते तलाश कर लेते हैं। उनका केस लड़ने के लिए नामी-गिरामी वकीलों की फौज खड़ी हो जाती है। अधिकांश सक्षम बलात्कारी बड़ी आसानी से छूटते हुए अपनी मस्ती में यही राग अलापते रहते हैं कि आप चाहे कितने विश्व महिला दिवस मनाते हुए नारी शक्ति को सलाम करते रहो, लेकिन हमारे लिए तो वह सिर्फ सेक्स की गुड़िया ही है, जिसे रौंदने, नोचने, तोड़ने-मरोड़ने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। और हां, किसी के दु:खी होने, चीखने-चिल्लाने से भी हमें कोई फर्क नहीं पड़ता...।

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