Thursday, July 7, 2022

देखी-अनदेखी

    एक 18 साल की लड़की ने खुशी-खुशी 61 साल के कब्र में पैर लटकाये उम्रदराज शख्स से शादी कर कहा कि जोड़े तो आसमान में बनते हैं। अपने दादा की उम्र के व्यक्ति को अपना शौहर बनाने वाली यह लड़की खुद को बड़ी खुशकिस्मत मानती है। उसे फख्र है कि उसका जीवनसाथी धनवान होने के साथ-साथ बड़े दिलवाला है, जो सभी के भले की सोचता है। वह ऐसा समाजसेवी है जो सपने में भी किसी का अहित होता नहीं देख सकता। कुछ लोगों ने तब उसके इस बेमेल रिश्ते के प्रति नाराजगी जतायी तो लड़की ने क्रोधित होते हुए कहा कि अपने शरीर पर मेरा पूरा-पूरा हक है। इसे मैं जिसे भी सौंपूं मेरी मर्जी। कई लड़कियां तो पेड़, बकरी, कुत्ते से शादी कर इठलाती फिरती हैं। मैंने तो शादी की है, जो मुझे कभी भी कोई तकलीफ नहीं होने देगा। उसके जाने के बाद उसका अपार धन मेरा ही होगा। भावुकता में आकर गरीब और फक्कड़ इंसान से ब्याह कर बाद में पछताने वाली मैंने कई लड़कियां देखी हैं। अपना नाम मैं उनमें दर्ज नहीं करवाना चाहती। मुझे तो जिंदगी के सभी मज़े लूटने हैं। उनके लिए यदि मुझे नब्बे साल के बुड्ढे के संग बंधना पड़ता तो भी कतई नहीं सकुचाती। सकुचायी और घबरायी तो वो लड़की भी नहीं, जिसने खुद से शादी कर धमाका कर दिया। इतना ही नहीं वह हनीमून का मज़ा लेने के लिए अकेले ही कहां-कहां घूमती-फिरती रही। अकेले रहने का फैसला उसका अपना था, लेकिन जिन्हें सवाल उठाने थे वे चुप नहीं बैठे। यह तो सरासर नाटक है। प्रसिद्धि पाने की बेहूदा नौटंकी। कुछ लोगों ने लीक से हटकर चलने वाली लड़की की भरपूर तारीफें कीं।
    मध्यप्रदेश के शहर रीवा के स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाली 24 वर्षीय मास्टरनी फिज़ा हजारों मील दूर रह रहे एक पाकिस्तानी युवक को इस कदर अपना दिल दे बैठी कि वह सरहद पार जाने के लिए सीधे अटारी बॉर्डर पर पहुंच गई। सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी युवक दिलशाद से दिल लगाने वाली फिज़ा ने वीजा, पासपोर्ट के साथ-साथ अन्य सभी दस्तावेज भी बनवा लिए थे। यानी उसकी अपने प्रेमी से मिलने की मुकम्मल तैयारी थी। सोशल मीडिया पर ही दोनों प्रेमियों ने एक-दूसरे से निकाह करने की कसमें खा ली थीं। फिज़ा ने अपने इस प्यार के बारे में इशारों-इशारों में घरवालों को बता दिया था, लेकिन उनके लिए यह बचकाना सोच थी, जिसका साकार होना आसान नहीं था। उन्हें यह भी अंदाजा नहीं था कि बेटी ने तो पूरी तैयारी कर रखी है। एक दिन स्कूल जाने के लिए घर से निकली फिज़ा रात तक वापस नहीं लौटी तो सभी चिंता में पड़ गये। तीन-चार दिन तक यहां-वहां खोजने-तलाशने के बाद रीवा पुलिस स्टेशन में अपनी बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज करवा दी। पाकिस्तान जाने के लिए ट्रेन के जरिए अमृतसर पहुंची फिज़ा के वीजा और पासपोर्ट वैध थे, लेकिन एलओसी के चलते उसे नहीं जाने दिया और उसे उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। लड़कियों में इन दिनों कुछ नया करने का जुनून छाया हुआ है। वे शराब पीकर सड़कों पर हंगामा करने से परहेज नहीं करतीं। जिस्मानी रिश्ते बनाने में देरी नहीं लगातीं। नारी को लेकर कल भी तरह-तरह की बातें और सवाल गूंजते थे और आज भी वो इनके घेरे में है। कल जो नारी इज्जत पर बट्टा लगने की कल्पना कर घबरा जाया करती थी आज उसने परवाह करना छोड़ दिया है। जिन्हें जो कहना है, कहते रहें, लेकिन वो अपनी धुन में अपनी जिंदगी अपने ही अंदाज में जीने को आतुर है। उसके कदमों में बेड़ियां डालने की कोशिशें करने वाले सोच-सोचकर हैरान-परेशान हैं कि आधुनिक नारी के कदम कहां पर जाकर रुकेंगे। दरअसल, ऐसे लोगों के मन-मस्तिष्क में चालीस-पचास वर्ष पहले की भारतीय औरत की छवि बसी हुई है। वे नयी तस्वीर को स्वीकार करने को तैयार ही नहीं हैं। यही वजह है कि नारियों के प्रति पुरुषों की हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। उत्तर प्रदेश के शहर शाहजहांपुर में नवविवाहित पति-पत्नी में शादी की पहली रात में ही जंग छिड़ गयी। पति सेक्स करने में असमर्थ था। दुल्हन ने फौरन पतिदेव को खरी-खोटी सुनाकर शर्मिंदा होने पर मजबूर कर दिया। रात भर वह हाथ जोड़कर माफी मांगता रहा और फरियाद करता रहा कि वह उसकी इस कमजोरी के बारे में किसी को न बताए। यदि उसने मुंह खोला तो वह जीने लायक नहीं बचेगा। उसकी तो नाक ही कट जाएगी, लेकिन दुल्हन नहीं मानी। उसने सुबह होते ही अपनी सास और ननद को जैसे ही सारा सच बताया तो वे दोनों उसी को पीटने और कोसने लगीं। जिस शख्स ने शादी तय करवायी थी उसे भी लड़के के नपुंसक होने की जानकारी थी। ससुराल की प्रताड़ना झेलने की बजाय लड़की ने उसी दिन अपने माता-पिता को बुलवाया और उनके साथ चल दी। माता-पिता ने बड़े अरमानों के साथ 15 लाख रुपये शादी में खर्च किये थे। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके साथ इतनी भयानक धोखाधड़ी होने जा रही है। यह जानकर दिमाग के परखच्चे उड़ जाते हैं कि हर पति को कुंआरी दुल्हन चाहिए। भले ही वह हद दर्जें का अय्याश और चरित्रहीन क्यों न हो और कितनी वेश्याओं, कॉलगर्ल्स के साथ बिस्तरबाजी कर चुका हो। कल ही अखबार में पढ़ने में आया कि अब कई आज़ाद जिंदगी जीने की अभ्यस्त लड़कियां भी चालाकी के रास्ते पर चलते हुए वर्जिनिटी रिपेयर सर्जरी करवाने लगी हैं। इससे वे बड़ी आसानी से सुहागरात की ‘परीक्षा’ में पास हो जाती हैं। इस इक्कीसवीं सदी में भी सुहागरात पर संबंध बनाते समय दुल्हन को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है। संभोग के दौरान चादर पर खून के धब्बे नहीं दिखने पर दुल्हन बनी युवती को चरित्रहीन करार दे दिया जाता है। अभी हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली की एक नवविवाहिता को लड़के वालों ने इसलिए अपने घर से बाहर कर दिया, क्योंकि बिस्तर पर जो सफेद चादर बिछायी गई थी, वह वैसी की वैसी थी। उस पर खून के धब्बे थे ही नहीं। अपवित्र दुल्हन को धक्के मारकर घर से बाहर करना ही उन्हें एकमात्र रास्ता नज़र आया। अपने पति के साथ संबंध बनाते समय रक्त के नहीं निकलने के और भी कई कारण हो सकते हैं। इस पर किंचित भी सोचना-विचारना जरूरी नहीं समझा गया।

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