Thursday, June 30, 2022

अच्छा-बुरा

    अपने ही तो अपनों की हिफाजत के लिए होते हैं। मां-बाप, भाई, चाचा, मामा, नाना, दादा आदि को बच्चे अपना सुरक्षा कवच मानते हुए बेफिक्र रहते हैं। अपने बड़े-बुजुर्गों से ही उन्हें अच्छे आचरण की सीख और शिक्षा मिलती है। गलत और सही का पता भी बच्चों को अपने घर की पाठशाला से ही चलता है, लेकिन कुछ घर-परिवार मान-मर्यादा की राह पर चलने की बजाय भोग-विलास को ही जीवन माने हुए हैं। उनके यहां वासना का नंगा तांडव होता रहता है, लेकिन वे मुंह नहीं खोलते। अपनी तथाकथित इज्जत को बचाने के ढोंग में बस ढोंगी बने रहते हैं। इंसानियत और पवित्र रिश्तों की भी नीलामी कर दी जाती है, लेकिन सच सदा छिपा नहीं रहता। वो तो बाहर आकर ही दम लेता है। कुछ सच बहुत विस्फोटक होते हैं। हैदराबाद में एक बच्ची वर्षों तक अपने सौतेले पिता की विषैली वासना का शिकार होती रही। मासूम बच्ची इतना भी नहीं समझती थी कि उसके साथ क्या हो रहा है। बस मन में एक भरोसा था। अपने कभी गलत नहीं करते। वर्षों तक वह नर्क की यातना झेलती रही। कुछ वर्ष के बाद स्कूल में जब एक दिन टीचर ने बच्चों को ‘गुडटच’ और ‘बैडटच’ के बारे में बताया... समझाया तो बच्ची की समझ में आया कि उसके साथ तो घर में ही बहुत गलत होता चला आ रहा है! उसने अपनी टीचर को यह बताकर चौंका दिया कि उसके सौतेले पिता और चाचा वर्षों से उस पर बलात्कार का कहर ढाते चले आ रहे हैं। टीचर ने फौरन पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी। अभी हाल ही में कोर्ट ने पिता को बीस साल तथा चाचा को तीन साल की सज़ा सुनाई है।
    24 मई, 2022 को महाराष्ट्र के शहर गोंदिया के निकट स्थित एक गांव के तीस वर्षीय मजदूर कृष्ण कुमार ने घर में खुदकुशी कर ली। खुदकुशी का कारण था उसकी पत्नी के साथ बलात्कार होना और बलात्कारी द्वारा खुद को मर्द दर्शाते हुए छाती तानकर घूमना और दोनों को अपमानित करना। लगभग दो वर्ष पूर्व कृष्ण के पड़ोस में रवि नाम का युवक रहने आया। अय्याश और चंचल प्रवृत्ति के रवि ने अकेले में एक दिन कृष्ण की पत्नी के पेट पर हाथ फेरते हुए मज़ाक किया तो उसने हलका-सा विरोध किया। खुलकर आपत्ति नहीं जतायी, जिससे रवि ने मान लिया कि आज नहीं तो कल उसकी मंशा पूरी होकर रहेगी। रवि के पास महंगा मोबाइल फोन था। कृष्ण की पत्नी किसी से बात करने के लिए कभी-कभार रवि से मोबाइल मांग लिया करती थी। एक दिन जब उसके दोनों बच्चे स्कूल गये थे, तब रवि उस पर भूखे शेर की तरह झपट पड़ा और मनमानी करके ही माना। बलात्कारी ने यह धमकी भी दे दी कि यदि किसी को भी खबर लगने दी तो मौत के हवाले कर दी जाओगी। पीड़िता ने अपने पति को बताने की सोची तो जरूर, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सकी। बदनामी के भय से एक दिन उसने कीटनाशक दवा पी और मरने की राह देखने लगी। इसी दौरान उसे धड़ाधड़ उल्टियां होने लगीं और पति ने अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में पति के बार-बार पूछने पर उसने अपने साथ हुए कुकर्म का खुलासा कर दिया। बलात्कारी रवि को पुलिस ने गिरफ्तार तो किया, लेकिन शीघ्र ही उसे जमानत मिल गई। अब तो वह दोनों को अपमानित करने पर उतर आया। अपने कॉलर खड़े कर जब-तब बस यही कहता कि मैंने तेरी औरत की इज्जत तार-तार कर दी और तू नामर्द कुछ भी नहीं कर पाया! तंज मार-मारकर बलात्कारी ने कृष्ण कुमार का जीना ही दुश्वार कर दिया। उसे लगने लगा कि बलात्कारी ने उसका आत्मसम्मान और आत्मविश्वास ही छीन लिया है। घर से बाहर निकलने पर जान-पहचान वाले भी उसकी मर्दानगी पर सवाल उठाते हुए मज़ाक उड़ाने लगे। हर तरफ से अपमानित किए जाने से निराश और परेशान कृष्ण ने खुदकुशी कर इस दुनिया से किनारा कर लिया है, लेकिन पत्नी दिन-रात खुद को कोसती रहती है। काश! उसने तभी कपटी पड़ोसी को फटकार दिया होता, जब उसने पहली बार उस पर अपनी गंदी निगाहें डालीं थीं। कहीं न कही उसकी चुप्पी भी उसके पति की आत्महत्या की जिम्मेदार है।
    हमारे बुजुर्ग कहते और समझाते आये हैं कि खुद पर नियंत्रण रखो। वक्त और मौके का ख्याल रखो। भावावेश में कोई ऐसी भूल न करो, जिससे जगहंसाई हो और इज्जत जाने की भी नौबत आ जाए। बीते हफ्ते एक युवा जोड़ा अयोध्या की सरयू नदी में उमंगित होकर स्नान कर रहा था। इसी दौरान प्रफुल्लित पति अपनी पत्नी के साथ चुम्मा-चाटी करने लगा। अयोध्या की पवित्र राम की पैड़ी पर मदमस्त होकर अपनी पत्नी पर प्यार बरसाते पति पर जब कुछ लोगों की नज़र पड़ी तो वे आगबबूला हो गए। उन्होंने आव देखा न ताव... पति को अंधाधुंध पीटना प्रारंभ कर दिया। धीरे-धीरे अच्छी-खासी भीड़ जमा हो गई। तिलमिलायी भीड़ ने उसकी धुनाई करते हुए बाहर खींचा और मां-बहन की गालियों की झड़ी लगा दी। भीड़ की मार से बचने के लिए पति यहां-वहां भाग रहा था और पत्नी उसे माफ कर देने की फरियाद करते हुए पीछे-पीछे दौड़ रही थी। कुछ तमाशबीनों ने सरयू नदी की पवित्रता को नष्ट करने की जुर्रत करने वाले पति-पत्नी का वीडियो शूट करके उसे धड़ाधड़ वायरल करना भी प्रारंभ कर दिया। आज के सोशल मीडिया के इस जंगी दौर में किसी के बहकने की देरी है, तमाशा बनाने वाले लंगोट कस कर खड़े हैं।
    कल ही मेरी एक वीडियो पर नज़र पड़ी। रात का समय है। शराब के नशे में टुन्न एक लड़की बेकाबू हो चुकी है। उसने कहीं जाने के लिए कैब की है। कैब ड्राइवर उसे समझा रहा है, लेकिन वह उसे गंदी-गंदी गालियां दिये जा रही है। इसी दौरान उसे अपनी किसी सहेली की याद हो आती है तो वह उसका नाम लेकर चीखने-चिल्लाने लगती है और उसकी मां-बहन एक करने पर उतर आती है। जो खाकी वर्दीधारी उसे समझाने की कोशिश करता है, उसी का कॉलर पकड़ कर अंधाधुंध बरसने लगती है। इतना ही नहीं कैब ड्राइवर पर भी छेड़खानी का आरोप जड़ देती है। लड़की के बदन के कपड़े भी इधर-उधर हो उसे नंगा करने पर उतारू हैं, लेकिन उसका हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है...

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