Thursday, November 16, 2023

कलंक

    स्कूल कॉलेज किस लिए हैं? घर, परिवार की नींव आखिर क्या सोचकर रखी गई होगी? विद्वानों के द्वारा रचित विभिन्न ग्रंथों में रिश्तों के मान-सम्मान की किसी भी हालत में रक्षा करने की सीख निरर्थक है? मेरे मन में यह विचार और सवाल तब आंधी की तरह चलने लगे जब मैंने इन खबरों को पढ़ा : हरियाणा में स्थित जींद जिले के एक सरकारी स्कूल की 50 से अधिक नाबालिग छात्राएं इंसाफ की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उनका यौन उत्पीड़न किया है। उन्हें अनेक बार अपमानित किया है। वासना की आग में झुलसते इस देह रोगी प्रिंसिपल के दुष्कमों का काला-चिट्ठा छात्राओं ने पुलिस तक भी पहुंचाया, लेकिन बड़ी मुश्किल से मामला दर्ज हो पाया। बालिकाओं का दुष्कर्मी पर आरोप है कि वह उन्हें अपने कार्यालय में बुलाता था और अश्लील हरकतें करता था। विरोध करने पर स्कूल से निकालने की धमकी देता था। इतना ही नहीं उनके फोन पर कॉल कर ऐसी गंदी-गंदी बातें करता था, जिन्हें बयां करने में उन्हें बेहद शर्म आती है। प्रिंसिपल की निहायत ही शर्मनाक हरकतों का सारा चिट्ठा राज्य महिला आयोग तक पहुंचा तो वासना की आग में तपते मर्यादाहीन लंपट की और भी कई शर्मनाक करतूतों का पता चला। हर किसी को स्तब्ध करने वाली यह हकीकत भी सामने आयी की एक महिला शिक्षिका भी अय्याश प्रिंसिपल की साथी की भूमिका में थी। उसके बचाव के लिए उसने अपनी सारी नैतिकता को सूली पर टांग दिया था। यह बिक चुकी नारी, लड़कियों को अपने बयान वापस लेने और चुप्पी बनाये रखने के लिए धमकाती थी। इतना ही नहीं कुछ अज्ञात बदमाशों से भी फोन करवा कर बदनाम करने और उठवाने की धमकियां दिलवाती थी। 

    देश के नामी-गिरामी विश्वविद्यालय के प्रांगण में एक छात्रा को वस्त्रहीन करने की कोशिश की गई। उसके पश्चात काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विशाल प्रांगण में कई दिनों तक छात्राओं के आक्रोश से सराबोर नारे गूंजते रहे। कई दिनों तक अखबारों और न्यूज चैनलों से यह खबर खतरे की घंटी बनकर गूंजती रही। विश्वविद्यालय के परिसर में ही तीन बाइक सवार बदमाशों ने एक छात्रा के साथ अत्यंत ही अश्लील तरीके से छेड़छाड़ कर सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर से ठेंगा दिखा दिया। कई मनचलों ने, छात्राओं का चलना-फिरना हराम कर रखा है। वे बेखौफ होकर छात्राओं का रास्ता रोक लेते हैं और उनके जिस्म से खिलवाड़ करने लगते हैं। ये नकाबपोश गुंडे बाइक पर सवार होकर इतनी तेजी से आते हैं। छात्राएं उन्हें पहचान ही नहीं पातीं। विश्वविद्यालय की सुरक्षा को तार-तार करने वाले अपराधी शोहदों के आतंक से डरी-सहमी छात्राएं सवाल कर रही हैं कि महिला सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाले आखिर कहां हैं? 

    ऐन दिवाली के शुभ अवसर पर एक जुआरी ने जीभरकर जुआ खेला। उत्तरप्रदेश में दिवाली के दिन हर वर्ष की तरह कुछ जुआरियों ने बड़े जोशो-खरोश के साथ जुए की महफिल सजायी। ताश के रंगीन पत्तों के साथ शराब की बोतलों के ढक्कन भी खुले। हार-जीत जुए का नियम है। जो हारते गये वे अपने-अपने ठिकानों की ओर खिसकते गये। उन्हीं की जगह नयों का आना-जाना लगा रहा। इस महफिल में एक जुआरी ऐसा भी था, जो पूरी तरह से खाली होने के बाद भी उठने को तैयार नहीं था। जीत की उम्मीद में उसने अपनी घड़ी और सोने की अंगूठी दांव पर लगा दी थी। तभी उसे किसी साथी ने पत्नी को दांव पर लगाने के लिए उकसाया तो नशे में धुत उस शख्स ने अपनी पत्नी की मोटी कीमत तय करते हुए उसे भी दांव पर लगाने में देरी नहीं की, लेकिन उस रात जीत उसकी किस्मत में नहीं थी। इस आखिरी दांव ने भी उसका साथ नहीं दिया। लड़खड़ाते हुए जैसे ही वह अपने घर पहुंचा तो उसके पीछे-पीछे चार-पांच बदरंग विजयी चेहरे भी वहां पहुंच गये और उसकी पत्नी को जबरन उठा कर चलते बने। नींद के आगोश में होने के कारण उसे कुछ भी समझ में नहीं आया। पति हाथ बांधे देखता रहा। तीन दिनों तक वह बंधक बनी रही। उसे जबरन शराब पिलायी गई। शराब में नींद की गोलियां मिलाने के कारण वह गहरी नींद में चली गई। इस दौरान उसके साथ क्या हुआ होगा इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है। कई मर्दों की घिनौनी कामुक देह से पता नहीं कितनी बार लुटी-पिटी इस नारी ने किसी तरह से अपने भाईयों तक खबर भिजवायी तो उन्होंने 2 लाख रुपये देकर अपनी बहन को छुड़ाया। जब उसे घर लाया गया तब भी उस पर नींद की गोलियां और शराब हावी थी।

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