Thursday, June 30, 2016

नपुंसकता की नुमाइश

बडे लोगों की घटिया और ओछी बातें। घात-प्रतिघात। कुछ बातें और घटनाएं मन को विचलित कर देती हैं। ऐसे लोगों की तादाद बढती चली जा रही जो अपने मंसूबो को पूरा करने के लिए किसी भी गंदगी के गर्त में गिरने में देरी नहीं लगाते। आखिर यह कैसा दौर है? एक दिल दहलाने वाली घटना से उबर भी नहीं पाते कि दूसरी पीडा पहुंचाने वाली खबर सीना तान कर खडी हो जाती है। ऐसा भी लगता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर भी तकलीफें और चोटें पहुंचाने का दुष्चक्र चलाया जा रहा है। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं। वैसे भी जिन्होंने बेहयायी की चादर ओढ ली है उन पर कोई भी शिक्षा-दीक्षा और समझाइश असर नहीं डालती। फिल्म अभिनेता सलमान खान को ऊल-जलूल बकने की आदत है। जब-तब वे कुछ भी बक देते हैं और उनके पिता सलीम खान हाथ जोड कर खडे हो जाते हैं कि बच्चों से भूल हो जाती है। सलमान भी अभी बच्चा है। बिना सोचे-समझे मुंह खोल देता है और बात का बतंगड बन जाता है। हर बच्चा अपने पिता का दुलारा होता है। बिगडैल बच्चे पर भी उसके पिता का वरदहस्त होता है। ५२ वर्षीय सलमान इस मामले में बहुत ज्यादा खुशकिस्मत हैं। वे गलती पर गलती करते चले जाते हैं और जब हंगामा मचता है तो पिता ढाल बन कर खडे हो जाते हैं। कई वर्षों से फिल्मों में नायक की भूमिका निभाते चले आ रहे सलमान की खलनायिकी इस बार कुछ ऐसे शब्दों में सामने आयी- 'सुल्तान फिल्म की शुटिंग के दौरान छह घंटो तक जो पटका-पटकी चलती थी उससे मेरे बदन का अंग-अंग लस्त पड जाता था। १२० किलो के पहलवान को दसियों बार उठाने और पटकने की यह क्रिया कोई आसान काम नहीं थी। शुटिंग के बाद जब मैं रिंग से बाहर निकलने को होता तो लगता था कि कोई दुष्कर्म पीडिता चल रही है। मैं कदम भी नहीं उठा पाता था।' इस अशोभनीय सोच के जगजाहिर होने के बाद वही हुआ जो बदनीयत अभिनेता चाहता था। चारों तरफ से निन्दा का सैलाब उमड पडा। हिसार (हरियाणा) की एक दुष्कर्म पीडिता इतनी आहत हुई कि उसने मानहानि का दावा करते हुए दस करोड रुपये की क्षतिपूर्ति का नोटिस भिजवा दिया। अपने नोटिस में उसने लिखा कि वह भी दुष्कर्म पीडिता है। सलमान के अपमानजनक बयान ने उसके जख्म हरे कर दिये हैं। उसे अपने साथ हुई भयानक व रोंगटे खडे कर देने वाली घटना की यादें ताजा हो गयी हैं। उसे डर है कि कहीं लगातार सोचते रहने से उसके दिमाग की नसें ही न फट जाएं। उसका मन कर रहा है कि वह आत्महत्या कर ले और ऐसे जहां से मुक्ति पा ले जहां पर सलमान जैसी घिनौनी सोच वाले लोग रहते हैं।
जयपुर की एक बलात्कार पीडिता ने कहा कि सलमान फिल्मों के हीरो हो सकते हैं। असल जिन्दगी में उनसे नीच इंसान और कोई नजर नहीं आता। असली नायक तो वो होता है जो लोगों की पीडा को देखकर चिंतित होता है। जख्मों पर मरहम लगाता है, नमक नहीं छिडकता। देशभर की जागृत महिलाओं ने सलमान को कोसा और चुल्लू भर पानी में डूब मरने के साथ-साथ बद्दुआओं की झडी लगा दी। जहां एक तरफ पूरा देश महिलाओं का अपमान करने की जुर्रत करने वाले सलमान पर लानतों की बरसात करता रहा वहीं सलमान के कुछ अंध भक्त तिलमिला उठे। उन्हें परदे के चमकदार हीरो की आलोचना बर्दाश्त नहीं हुई और वे अपनी असली औकात पर उतर आये। सलमान पर थू...थू करने वालों में गायिका सोना महापात्रा का भी समावेश है। उन्होंने छिछोरे अभिनेता के रेप पीडित जैसी हालत वाले बयान को सोशल मीडिया में उछाला तो उन्हें बलात्कार की धमकियां मिलने लगीं। खलनायक के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर गायिका को लेकर ऐसे-ऐसे भद्दे कमेंट्स किए जिन्हें शरीफों के दिमाग की उपज तो कतई नहीं कहा जा सकता। बलात्कारी, गुंडे मवाली ही ऐसी गंदी सोच वाले हो सकते हैं। विख्यात गायिका  महापात्रा को नग्न तस्वीरें भेजकर हजार बार उस पर बलात्कार करने की धमकी देने वालों की गुंडागर्दी को देखने के बाद इस कलमकार को जेल में बंद आसाराम के उन अंधभक्तों की याद हो आयी जिन्होंने अपने दुष्कर्मी 'गुरु' के खिलाफ गवाही देने वाले निर्भीक भुक्तभोगियों को तरह-तरह से प्रताडित किया और अपनी गोलियों का निशाना बनाया।
व्याभिचारियों, बलात्कारियों, महिलाओं का अपमान करने वालों तथा दहेज लोभियों के दिमाग को दुरुस्त करने के लिए लगता है कि कानून कहीं न कहीं कमजोर पड रहा है। आज भी हमारे समाज में बेटी और बहू में भेदभाव कर इंसानी दरिंदगी के भयावह तमाशे दिखाये जा रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने कभी भी न बदलने की कसम खा रखी है। उनके लिए धन-दौलत ही सर्वोपरि है। माया के लिए वे हैवानियत को भी शर्मिंदा करने से नहीं कतराते। ऐसे शैतानों की कमी नहीं है जो अपने बेटों की बोली लगाते हैं। उनकी बस यही चाह होती है कि उनके घर में जो भी बहू आए वो सोने-चांदी से लदी हो और लाखों-करोडो रुपये अपने साथ लाए। जब उनकी यह मंशा पूरी नहीं होती तो वे वहशी दरिंदे बन जाते हैं। दहेज के लिए बहूओं को मारने, पीटने और जलाने की खबरों की कोई सीमा नहीं है। लेकिन जयपुर के रहने वाले एक दहेजलोभी परिवार ने तो इंसानियत, मानवता और रिश्तों की ही नाक ही काट डाली। दहेजलोभियों ने अपनी बहू को जानवरों की तरह मारा-पीटा। जब वह बेहोश हो गयी तो उसके शरीर पर सात जगह गोदना (टैटू) करवा दिया और गंदी-गंदी गालियां लिखवा दीं। उसके माथे पर बनाए गए टैटू पर लिखवाया गया, 'मेरा बाप चोर है।' बहू का आरोप है कि ससुराल वालों ने उसे नशीला पदार्थ पिलाया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया। एक जेठ ने तो उसकी जांघोें पर गालियां गुदवाकर अपनी नपुंसकता का नंगा नाच दिखाया।

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